OLD AGE !!!!!
बचपन और जवानी,
कभी जाती नहीं,
ठहरी रहती है इंसान के दिल में,
डाल देती हैं डेरा
मानो उम्र भर का हो बसेरा
चहकती है दादी ,
पोती पोते के साथ
महकती है नानी
नाती नातिन के साथ
दादा की ,नाना की
फुर्ती का ज़रा लें मुजाहिरा
कभी घोडा बन कर
करते हैं सैर सपाटा
कभी कंधे पर दिखे सवार
दुलारी हो या दुलारा
लेकिन जब अचानक
हो जाता है ,आईने से सामना
तब तब मुस्कुराता उनका चेहरा ,
कहता है खुद से दुबारा ,तिबारा ,
बस चंद बरसों का है
ये गली ,ये चौबारा !
कभी जाती नहीं,
ठहरी रहती है इंसान के दिल में,
डाल देती हैं डेरा
मानो उम्र भर का हो बसेरा
चहकती है दादी ,
पोती पोते के साथ
महकती है नानी
नाती नातिन के साथ
दादा की ,नाना की
फुर्ती का ज़रा लें मुजाहिरा
कभी घोडा बन कर
करते हैं सैर सपाटा
कभी कंधे पर दिखे सवार
दुलारी हो या दुलारा
लेकिन जब अचानक
हो जाता है ,आईने से सामना
तब तब मुस्कुराता उनका चेहरा ,
कहता है खुद से दुबारा ,तिबारा ,
बस चंद बरसों का है
ये गली ,ये चौबारा !
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