क्या आम आदमी हर वक़्त रहेगा तंग दस्त फटे हाल
क्या कोई सुनेगा उसकी ? ईमान से बनाएगा उसे खुशहाल
बरसों से बेवकूफ बनाया जाता रहा है वो ,
लोग उधेड़ते रहे उसकी खाल
और उन लोगों का बांका भी न हुआ बाल
जो खुद पारसा होगा वही ,दिखा पायेगा अपना जलाल
वरना हर बार की मानिंद ,इस बार भी यूँ ही गुजरेंगे पांच साल
हमारी कई पुश्तों का हुआ ,और हमारा भी हो जाएगा
अच्छे दिनों के इंतज़ार में इंतकाल
रह जाएगा अनसुलझा सा ,ज़ेहन में एक सवाल
जिन्हे खौफ नहीं खुदा का,ना गुनाहों का मलाल
ऊपर वाला ही पूछेगा ,उससे यह सवाल
करेगा उसका पक्का हिसाब,सूद के साथ ,
पल पल मिनिट घंटे साल दर साल !
क्या कोई सुनेगा उसकी ? ईमान से बनाएगा उसे खुशहाल
बरसों से बेवकूफ बनाया जाता रहा है वो ,
लोग उधेड़ते रहे उसकी खाल
और उन लोगों का बांका भी न हुआ बाल
जो खुद पारसा होगा वही ,दिखा पायेगा अपना जलाल
वरना हर बार की मानिंद ,इस बार भी यूँ ही गुजरेंगे पांच साल
हमारी कई पुश्तों का हुआ ,और हमारा भी हो जाएगा
अच्छे दिनों के इंतज़ार में इंतकाल
रह जाएगा अनसुलझा सा ,ज़ेहन में एक सवाल
जिन्हे खौफ नहीं खुदा का,ना गुनाहों का मलाल
ऊपर वाला ही पूछेगा ,उससे यह सवाल
करेगा उसका पक्का हिसाब,सूद के साथ ,
पल पल मिनिट घंटे साल दर साल !
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