SHAHANSHAAH WAQT !!
जख्म भी वक़्त ,मरहम भी वक़्त
सवाल – ओ – जवाब दोनों है वक़्त
दुनिया में हमें लाया है वक़्त
रवानगी की वजह भी वक़्त और सबब भी वक़्त
कभी मेहरबां लगता,
और कभी बेवफा क्यूँ हो जाता है वक़्त
कितना दिलकश कितना खूबसूरत लगता है वक़्त
भीनी भीनी खुशबू सा फुर्र से गुजर जाता है वो वक़्त
जो लौट कर कभी नहीं आता
वो भी है दिल में ठहरा हुआ वक़्त
आँखों में हसीन ख्वाबों सा तैरता,हर दिल अज़ीज़ ,
हर ज़िन्दगी में कभी ना कभी
अपनी मौजूदगी दर्ज़ कराता है वक़्त
कभी कमज़ोर,और मोहताज़ हो जाता है वक़्त
लगता है कभी जैसे ठहर गया है वक़्त !
सवाल – ओ – जवाब दोनों है वक़्त
दुनिया में हमें लाया है वक़्त
रवानगी की वजह भी वक़्त और सबब भी वक़्त
कभी मेहरबां लगता,
और कभी बेवफा क्यूँ हो जाता है वक़्त
कितना दिलकश कितना खूबसूरत लगता है वक़्त
भीनी भीनी खुशबू सा फुर्र से गुजर जाता है वो वक़्त
जो लौट कर कभी नहीं आता
वो भी है दिल में ठहरा हुआ वक़्त
आँखों में हसीन ख्वाबों सा तैरता,हर दिल अज़ीज़ ,
हर ज़िन्दगी में कभी ना कभी
अपनी मौजूदगी दर्ज़ कराता है वक़्त
कभी कमज़ोर,और मोहताज़ हो जाता है वक़्त
लगता है कभी जैसे ठहर गया है वक़्त !
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