Sher-O-Shayari !!
1) कहते है तुम दिल से नही सोंचते…l
दिल उन के पास है, ये वो क्यों नही सोंचते l
(2) लफ़्ज़ों को यूं कम ना आंकिये साहब …..
चंद जो इक्कठे हो जाएँ तो शेर हो जाते हैं ….
(3)लेकर आना उसे मेरे जनाजे में ,
एक आखरी हसीन मुलाकात तो होगी .
मेरे जिस्म में बेशक जान ना हो मगर ,
मेरी जान मेरे जिस्म के पास तो होगी
दिल उन के पास है, ये वो क्यों नही सोंचते l
(2) लफ़्ज़ों को यूं कम ना आंकिये साहब …..
चंद जो इक्कठे हो जाएँ तो शेर हो जाते हैं ….
(3)लेकर आना उसे मेरे जनाजे में ,
एक आखरी हसीन मुलाकात तो होगी .
मेरे जिस्म में बेशक जान ना हो मगर ,
मेरी जान मेरे जिस्म के पास तो होगी
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