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मंगलवार, 6 सितंबर 2016

SURAJ CHACHU --{ CHHATH PARV PAR NAMAN KA ARDHYA } Part-11

सूरज चाचू —-{छठ पर्व पर नमन का अर्ध्य }
परमपिता हो तुम हम सब के
मातृ तुल्य धरा के जनक
जीवनदाता हो तुम सबके
वनस्पति व प्राणी मात्र के पालक
तुम अग्नि से पूर्ण प्लावित हो
किन्तु उतनी ही ऊष्मा देते
जितनी सम्यक और पर्याप्त हो
प्रकृति एवं मानव जीवन के
युगों युगों से अर्ध्य पाते तुम
मानव जीवन के आधार कहाते
कुंती, द्रोपदी की श्रंखला में अबतक
कठोर व्रती के आराध्य कहाते
सदैव मुझको अचंभित करते
नभ,नक्षत्र,आकाश अनंत
मानव सीमाबद्ध को सोच सके
अद्भुत होता है उसे “अनंत ”
तुमसे जीवन,तुमसे स्पंदन
तुम्हे देख हम हर्षित होते
कर्म करे हम सारे मानव
जब तक जहाँ उपस्थित होते
स्वीकार करो मेरा तुम वंदन
शब्दों का अर्ध्य और चन्दन
अपेक्षित हूँ तुम्हारी दया कृपा की
परिवार का पालन और रक्षण !!!!!

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