श्री गुरुवै नमः !!
ॐ अनंत कोटि ब्रम्हांड नायक,महाराजाधिराज योगिराज सच्चिदानंद श्री सद्गुरु नाथाय नमः !!
ॐ नमो गुरुभ्यो गुरुपादकेभ्यो
नमः परेभ्यः परपादुकाभ्यः
आचार्य सिद्धेश्वर पादुकाभ्यो
नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यः !
ऐंकार र्हिंकार रहस्य युक्त
श्रींकार गूढार्थ महा विभूत्या
ॐकार मर्म प्रति पादिनीभ्याम
नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्याम !
होमाग्नि होमाग्नि हविष्य होतृ
होमादि सर्वाकृति भासमानं
यद् ब्रम्ह त द्वोध वितरिणीभ्यां
नमो नमः श्री गुरु पादकाभ्याम !
कामादि सर्प ब्रज गारूडाभ्याम
विवेक वैराग्य निधि प्रदाभ्यां
बोध प्रदाभ्यां द्रुत मोक्ष दाभ्याम
नमो नमः श्री गुरुपादकाभ्याम !
अनंत संसार समुद्र तार
नौकायिताभ्यां स्थिर भक्ति दाभ्याम
जाड्याब्धि संशोषण वाड़ा भ्याम
नमो नमः श्री गुरु पादकाभ्याम !
ॐ नमः शिवाय गरुवै श्री सचिदानंद
निष्प्रपंचाय शान्ताय निरालम्बाय तेजसे !
ॐ अनंत कोटि ब्रम्हांड नायक,महाराजाधिराज योगिराज सच्चिदानंद श्री सद्गुरु नाथाय नमः !!
ॐ नमो गुरुभ्यो गुरुपादकेभ्यो
नमः परेभ्यः परपादुकाभ्यः
आचार्य सिद्धेश्वर पादुकाभ्यो
नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यः !
ऐंकार र्हिंकार रहस्य युक्त
श्रींकार गूढार्थ महा विभूत्या
ॐकार मर्म प्रति पादिनीभ्याम
नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्याम !
होमाग्नि होमाग्नि हविष्य होतृ
होमादि सर्वाकृति भासमानं
यद् ब्रम्ह त द्वोध वितरिणीभ्यां
नमो नमः श्री गुरु पादकाभ्याम !
कामादि सर्प ब्रज गारूडाभ्याम
विवेक वैराग्य निधि प्रदाभ्यां
बोध प्रदाभ्यां द्रुत मोक्ष दाभ्याम
नमो नमः श्री गुरुपादकाभ्याम !
अनंत संसार समुद्र तार
नौकायिताभ्यां स्थिर भक्ति दाभ्याम
जाड्याब्धि संशोषण वाड़ा भ्याम
नमो नमः श्री गुरु पादकाभ्याम !
ॐ नमः शिवाय गरुवै श्री सचिदानंद
निष्प्रपंचाय शान्ताय निरालम्बाय तेजसे !
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