महा लक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुरपूजिते
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुर भयंकरी
सर्व पाप हरे देवी महा लक्ष्मी नमोस्तुते
सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरि
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भुक्ति मुक्ति प्रदायिनी
मन्त्रपूते महादेवी महा लक्ष्मी नमोस्तुते
आद्यंत रहिते देवी आद्यशक्ति महेश्वरी
योगजे योग सम्भूते महालक्ष्मी नमोस्तुते
स्थूल सूक्ष्म महा रौद्रे महाशक्ति महोदरे
महा पाप हरे देवी महा लक्ष्मी नमोस्तुते
पद्मासना स्थिते देवी परब्रम्ह स्वरूपिणी
परमेशि जगन्मातर महा लक्ष्मी नमोस्तुते
श्वेताम्बरा धरे देवी नानालंकार भूषिते
जगत्स्थिते जगन्मातर महालक्ष्मी नमोस्तुते
महालक्ष्म्यष्टकं स्त्रोत्रम यः पठेत भक्ति मान्नरः
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यम प्राप्नोति सर्वदा
एक काले पठेनित्यम महापाप विनाशनम
द्विकालं यह पठेन्नित्यं धनधान्य समन्वितः
त्रिकालं यह पठेन्नित्यं महा शत्रु विनाशनम
महालक्ष्मीर्भवे न्नित्यम प्रसन्ना वरदा शुभा !!
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुरपूजिते
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुर भयंकरी
सर्व पाप हरे देवी महा लक्ष्मी नमोस्तुते
सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरि
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भुक्ति मुक्ति प्रदायिनी
मन्त्रपूते महादेवी महा लक्ष्मी नमोस्तुते
आद्यंत रहिते देवी आद्यशक्ति महेश्वरी
योगजे योग सम्भूते महालक्ष्मी नमोस्तुते
स्थूल सूक्ष्म महा रौद्रे महाशक्ति महोदरे
महा पाप हरे देवी महा लक्ष्मी नमोस्तुते
पद्मासना स्थिते देवी परब्रम्ह स्वरूपिणी
परमेशि जगन्मातर महा लक्ष्मी नमोस्तुते
श्वेताम्बरा धरे देवी नानालंकार भूषिते
जगत्स्थिते जगन्मातर महालक्ष्मी नमोस्तुते
महालक्ष्म्यष्टकं स्त्रोत्रम यः पठेत भक्ति मान्नरः
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यम प्राप्नोति सर्वदा
एक काले पठेनित्यम महापाप विनाशनम
द्विकालं यह पठेन्नित्यं धनधान्य समन्वितः
त्रिकालं यह पठेन्नित्यं महा शत्रु विनाशनम
महालक्ष्मीर्भवे न्नित्यम प्रसन्ना वरदा शुभा !!
अत्यन्त ही सुन्दर!! धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं