ध्यान मूलं गुरोर्मूर्ति पूजामूलं गुरोर्पद
मन्त्रमूलं गुरोर व्याक्य मोक्षमूलं गुरुर कृपा
गुरुर प्रशांतं भवभीति नाशम
विशुद्ध बोध कलुशाप हारम
आनंद रूपम नयनाभिरामं
श्री सत्य देवं नितरां नमामि
अज्ञान नाशं नित्य प्रकाशम
सतचित स्वरूपम जगदैक मूर्तिम
विश्वाश्रयम विश्वपति परेशं
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
स्वयंभुवशांत मनंत माद्यम
ब्रम्हादिवन्द्यम परमेश पूज्यम
कालात्मकम काल भुवन शरण्यं
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
अणु महान्तम सदसत परंच
योगेग गम्यम करुणावतारं
सदा वसंतम हृदयारविन्दे
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
भोगा प वर्ग प्रतिदिन शक्तिम
बंधुसखाय सुह्रदय प्रियंच
शांति प्रदान भवदुख हानि
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
प्रेमाम्बुद्धि प्रेम रासायनंच
प्रेम प्रदान निधिम द्वितीयं
मृत्युंजय मृत्यु भयापहारं
श्री सत्यदेवं नितरां नमामि
ज्योतिर्मय पूर्ण मनन्त शक्ति
संसार सारं हृदयेश्वरम च
विज्ञानं रूपम सक्लार्तिनाशं
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
स्नेह दयां वत्सलता विधाय
चित्त प्रमुद्धम क्रतमय येन
तं दीन नाथं भवसिंधु पोतं
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
मन्त्रमूलं गुरोर व्याक्य मोक्षमूलं गुरुर कृपा
गुरुर प्रशांतं भवभीति नाशम
विशुद्ध बोध कलुशाप हारम
आनंद रूपम नयनाभिरामं
श्री सत्य देवं नितरां नमामि
अज्ञान नाशं नित्य प्रकाशम
सतचित स्वरूपम जगदैक मूर्तिम
विश्वाश्रयम विश्वपति परेशं
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
स्वयंभुवशांत मनंत माद्यम
ब्रम्हादिवन्द्यम परमेश पूज्यम
कालात्मकम काल भुवन शरण्यं
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
अणु महान्तम सदसत परंच
योगेग गम्यम करुणावतारं
सदा वसंतम हृदयारविन्दे
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
भोगा प वर्ग प्रतिदिन शक्तिम
बंधुसखाय सुह्रदय प्रियंच
शांति प्रदान भवदुख हानि
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
प्रेमाम्बुद्धि प्रेम रासायनंच
प्रेम प्रदान निधिम द्वितीयं
मृत्युंजय मृत्यु भयापहारं
श्री सत्यदेवं नितरां नमामि
ज्योतिर्मय पूर्ण मनन्त शक्ति
संसार सारं हृदयेश्वरम च
विज्ञानं रूपम सक्लार्तिनाशं
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
स्नेह दयां वत्सलता विधाय
चित्त प्रमुद्धम क्रतमय येन
तं दीन नाथं भवसिंधु पोतं
श्री सत्यदेव नितरां नमामि
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