मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

Saans !!

सांस -----

मस्तियाँ मसरूफियत 
ज़िन्दगी ज़िंदादिली के आसपास 
खुशियां खूबसूरत खुशनुमा
जीते रहते हैं हम बिंदास 
कभी गौर नहीं करते हैं हम 
कैसे चल रही हैं सांस 
जब डॉक्टर कहता है 
ज़ोर से लीजिये सांस 
तब ध्यान में आती है सांस 
जब तक चलती है सांस 
तब तक बनी रहती है आस 
तकलीफ जब आती है बेतरह 
मुश्किलों के टूटते हैं पहाड़ 
बुढापे में जब झुक जाती है जब कमर,
या मौत के ठीक पहले 
उखड जाती है सांस 
दौलत के ढेर पे बैठा हुआ शख्स 
या सड़क के किनारे लेटा हुआ भिखारी 
सांस की अहमियत है बराबर 
चाहे आप आम हों ,या ख़ास !!  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller (21)Apradh !!

  It was a shocking incident and it had shaken both the teenagers. Again both of them couldn’t sleep whole night. What would Rana do ? Would...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!