यंत्र ,यांत्रिकी और यंत्रणा !!
कितने मिलते जुलते हैं ये शब्द ,
अर्थ में भी एक दूसरे के अत्यंत समीप ,
यंत्र,जो प्रभु ने बनाया है ,यह क्षरीर,
यांत्रिकी, इसकी "इंजीनियरिंग",जटिल है,अत्यंत ,
वर्षों से, विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान,जुटा है ,
प्रतिदिन,प्रतिक्षण,अग्रिम शोध में ,
ना तो प्रभु का शोध लग पाया,
ना मृत्यु उपरान्त जीवन का ही
प्रत्येक की क्षीण होती काया की अलग अलग कहानी
क्षरीर की यंत्रणाओं के अलग अलग अपने अपने भोग
कभी कभी होती टूट फूट,और क्षरण का अंतिम चरण,
कितना रहस्यपूर्ण है,
इसका कोई ट्रेलर भी नहीं है
अनुमान लगाने के लिए !!
कितने मिलते जुलते हैं ये शब्द ,
अर्थ में भी एक दूसरे के अत्यंत समीप ,
यंत्र,जो प्रभु ने बनाया है ,यह क्षरीर,
यांत्रिकी, इसकी "इंजीनियरिंग",जटिल है,अत्यंत ,
वर्षों से, विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान,जुटा है ,
प्रतिदिन,प्रतिक्षण,अग्रिम शोध में ,
ना तो प्रभु का शोध लग पाया,
ना मृत्यु उपरान्त जीवन का ही
प्रत्येक की क्षीण होती काया की अलग अलग कहानी
क्षरीर की यंत्रणाओं के अलग अलग अपने अपने भोग
कभी कभी होती टूट फूट,और क्षरण का अंतिम चरण,
कितना रहस्यपूर्ण है,
इसका कोई ट्रेलर भी नहीं है
अनुमान लगाने के लिए !!
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