मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

TAN-MAN !!

तन मन --

मन ही मन होता है , पूरे बचपन 
खेलकूद ,सखी सहेली और समस्त मित्रगण 
ज्यादा ही चंचल होता है 
मन पूरे यौवन 
सब कुछ पा लेने को आतुर 
उड़ता  नील गगन 
महत्वाकांक्षाओं ,उद्दाम आशाओं ,
स्वप्नों का ,परिपूर्ण आँगन ,
नहीं चाहता  इच्छाओं पर कोई भी बंधन 
वृद्धावस्था में लेकिन 
खो जाता है मन 
सिर्फ शरीर ही दर्ज़ कराता 
उपस्थिति हर क्षण 
ये कष्ट ,वो कष्ट 
करते रहते हैं सहन 
सुबह उठने से लेकर 
रात सोने तक 
समय का व्यय या क्षय 
होता रहता है निरंतर 
समाप्त प्राय होता है 
समय की गुणवत्ता { Quality Time} का चयन 
चाहे कितना हो संयमित आपका जीवन 
नियंत्रित खानपान व्यायाम नियम 
किन्तु मृत्यु ढूंढ ही लेती है 
कोई ना कोई कारण 
रोक नहीं सकता कोई उसका आगमन 
चाहे जितना हो आपके पास यश और धन 
मृत्यु का कोई नहीं है 
इस बात से सम्बन्ध 
आप कितने विपन्न हैं ,या कितने सम्पन्न
बाज़ारों की चमक दमक ,वस्तुओं का आकर्षण 
जाने क्यों बनता जाता है क्रमशः विकर्षण 
शायद सबके अलग हों अनुभव ,अलग है सबका जीवन 
किन्तु मन को थामे रहना है ,जगाए रखना हमें उमंग,
शरीर को चलाते जाना है ,जब तक है "दम में दम "
उत्साहित बन कर रहना है जब तक है "जीवन"
उत्साह है वो "संजीवन"द्विगुणित करता है "जीवन"
आनंदित मन ,आनंदित आनन् ,करता आनंद का वर्धन !!
  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller (30) Apradh !!

In Nikita’s college all day long there was only one breaking news and that was Why suddenly Nikita Vanished and also Sujay is not visible. R...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!