कौरव
- पांडव ---
युधिष्ठिर
,भीम ,अर्जुन ,नकुल ,सहदेव
कर्ण--
कुन्तीपुत्र थे किन्तु पांडवों
में नहीं गिने जाते थे
उपरोक्त
पांडवों में --युधिष्ठिर,भीम और अर्जुन कुंती
के पुत्र तथा नकुल सहदेव माद्री के पुत्र थे
धृतराष्ट्र
और गांधारी के १०० पुत्र
निम्न लिखित थे---
१.
दुर्योधन २. दुःशासन ३.दुःसह ४ दुःशल ५.जलसंघ ६ सम ७
सह ८ विंद ९.
अनुविन्द १०.दुर्घर्ष ११.सुबाहु १२.दुष्प्रधर्षंण १३.दुर्मर्षण १४.दुर्मुख १५.दुष्करण १६। विकर्ण १७. शल १८सत्वान १९.सुलोचन २०.चित्र २१.
उपचित्र २२. चित्राक्ष २३. चारुचित्र २४.शरासन २५.
दुर्मद २६.दुर्विगाह २७.विवित्सु २८. विकटानंद २९.उर्णन्नाभ ३०.सुणाभ ३१.नन्द ३२.उपनन्द ३३.चित्र बाण
३४. चित्रवर्मा ३५ सुवर्मा ३६.दुर्विमोचन ३७. आयोबहु ३८. महाबाहु
३९.चित्रांग ४०.चित्रकुंडल ४१.भीमवेग ४२.भीमबल ४३.बलाकी ४४ बलवर्धन ४५। उग्रायुध ४६. सुषेण ४७. कुण्डधर ४८. महोदर ४९. चित्रायुध
५०. निषंगि ५१. पाशी ५२.वृन्दारक ५३. दृढ़वर्मा ५४. दृढ क्षत्र ५५.सोमकीर्ति.५६.अनुदर
५७.दृढ़संघ ५८. जरासंघ ५९. सत्यसंघ ६०. सदसुवाक ६१. उग्रश्रया ६२. उग्रसेन ६३. सेनानी
६४. दुष्परजाय ६५. अपराजित ६६. कुण्डषाई ६७. विशालाक्ष ६८. दुराधर ६९ द्रढ़हस्त ७०.
सुहस्त ७१. वातवेग ७२. सुवर्च ७३. आदित्यकेतु ७४. बह्याशी ७५. नागदत्त ७६. उग्राशायी
७७. कवची ७८.क्रथन ७९.कुण्डी ८०. भीमविकृ ८१. धनुर्धर ८२.वीरबाहु ८३. अलोलुप ८४. अभय
८५. दृढ़कर्मा ८६. दृढ दा श्रय ८७. अनादृश्य ८८ कुण्डभेदी ८९ विरवी ९०. चित्रकुंडल ९१. प्रथम ९२. आमा प्रमाथि
९३. दीर्घ रोमा ९४ सुवीर्यवान ९५ दीर्घबाहु ९६. सुजात ९७. कनकध्वज ९८. कुंडाशी ९९.
विरज १००. युयुत्सु
इन सौ भाइयों
की एक बहन भी थी जिसका नाम दुशाला था और जयद्रथ से जिसका विवाह हुआ था
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