गीता किसको किसने सुनाई -- १. श्री कृष्ण ने अर्जुन को
२. कब सुनाई --आज से सात हजार साल पहले
३. किस दिन सुनाई ---रविवार के दिन
४. कौनसी तिथि को ---एकादशी को
५. कहाँ सुनाई ---कुरुक्षेत्र की रणभूमि में
६. कितनी देर में सुनाई ---लगभग ४५ मिनट में
७. क्यों सुनाई --कर्तव्य से भटके अर्जुन को कर्तव्य सीखने के और आने वाली पीढ़ियों को धर्म ज्ञान देने के लिए
८. कितने अध्याय हैं --- अठारह अध्याय
९. कितने श्लोक हैं --७०० श्लोक
१०. गीता में क्या क्या सिखाया गया --- गतां भक्ति कर्म योग मार्गों की विस्तृत व्याख्या की गई है इन मार्गों पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है
११. गीता को अर्जुन के अलावा किन किन लोगों ने सुना -- धृतराष्ट्र और संजय ने
१२ अर्जुन से पहले गीता का पा वन ज्ञान किसे मिला --भगवान् सूर्यदेव को
१३. गीता की गिनती किन धर्म ग्रंथों में आती है --उपनिषदों में
१४. गीता किस महा ग्रन्थ का भाग है ---गीता महाभारत के एक अध्याय शांति पर्व का एक हिस्सा है
१५. गीता का दूसरा नाम क्या है --गीतोपनिषद
१६. गीता का सार क्या है --प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
गीता में किसने कितने श्लोक कहे हैं --श्री कृष्ण ने ५७४
अर्जुन ने ८५
धृतराष्ट्र ने १
संजय ने --४०
२. कब सुनाई --आज से सात हजार साल पहले
३. किस दिन सुनाई ---रविवार के दिन
४. कौनसी तिथि को ---एकादशी को
५. कहाँ सुनाई ---कुरुक्षेत्र की रणभूमि में
६. कितनी देर में सुनाई ---लगभग ४५ मिनट में
७. क्यों सुनाई --कर्तव्य से भटके अर्जुन को कर्तव्य सीखने के और आने वाली पीढ़ियों को धर्म ज्ञान देने के लिए
८. कितने अध्याय हैं --- अठारह अध्याय
९. कितने श्लोक हैं --७०० श्लोक
१०. गीता में क्या क्या सिखाया गया --- गतां भक्ति कर्म योग मार्गों की विस्तृत व्याख्या की गई है इन मार्गों पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है
११. गीता को अर्जुन के अलावा किन किन लोगों ने सुना -- धृतराष्ट्र और संजय ने
१२ अर्जुन से पहले गीता का पा वन ज्ञान किसे मिला --भगवान् सूर्यदेव को
१३. गीता की गिनती किन धर्म ग्रंथों में आती है --उपनिषदों में
१४. गीता किस महा ग्रन्थ का भाग है ---गीता महाभारत के एक अध्याय शांति पर्व का एक हिस्सा है
१५. गीता का दूसरा नाम क्या है --गीतोपनिषद
१६. गीता का सार क्या है --प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
गीता में किसने कितने श्लोक कहे हैं --श्री कृष्ण ने ५७४
अर्जुन ने ८५
धृतराष्ट्र ने १
संजय ने --४०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें