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गुरुवार, 15 जून 2017

Dharm And Darshan --Hindu Dharm !!

३३ करोड़ नहीं ३३ कोटि देवी देवता हैं हिन्दू धर्म में
कोटि = प्रकार
देव भाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते हैं --प्रकार और करोड़
कुल ३३ प्रकार के देवी देवता हैं ----१२ प्रकार हैं ----आदित्य ,धता,मित ,आर्यमा ,शक्रा ,वरुण ,अँश ,भाग ,विवा स्वान ,पूष ,सविता ,तावस्था ,और विष्णु
८ प्रकार हैं --वासु ,धर ,ध्रुव ,सोम,अह ,अनिल, अनल प्रत्युष ,और प्रभाष
११ प्रकार हैं ---हर ,बहुरूप, त्र्यम्बक ,अपराजिता,वृषाकापि ,शम्भू,कपार्दी,रेवात ,मृगव्याध,शर्वा,और कपाली एवं दो प्रकार हैं -- अश्विनी और  कुमार
कुल १२+८+११+२+=३३
दो पक्ष --कृष्ण पक्ष ,शुक्ल पक्ष
तीन ऋण --देव ऋण ,पितृ ऋण ,ऋषि ऋण
चार युग ---सतयुग ,त्रेता युग ,द्वापर युग ,कलियुग
चार धाम ---द्वारिका ,बदरीनाथ ,जगन्नाथपुरी ,रामेश्वरधाम
चार पीठ ---शारदा पीठ {द्वारिका},ज्योतिष पीठ {जोशीमठ बद्रीनाथ }गोवर्धन पीठ {जगन्नाथपुरी ,श्रृंगेरी पीठ
चार वेद ---ऋग्वेद ,अथर्ववेद ,यजुर्वेद ,सामवेद
चार आश्रम ---ब्रम्हचर्य ,गृहस्थ,वानप्रस्थ,सन्यास
चार अंतःकरण ---मन,बुद्धि ,चित्त,अहंकार
पञ्च गव्य ---गाय का घी ,दूध,दही,गोमूत्र,गोबर
पञ्च देव ---गणेश,विष्णु, शिव,देवी,सूर्य
पञ्च तत्व--पृथ्वी ,जल ,अग्नि,वायु,आकाश
छह दर्शन ---वैशेषिक ,न्याय ,सांख्य, योग,पूर्व मिमांसा ,दक्षिण मिमांसा
सप्त ऋषि ---विश्वामित्र,जमदग्नि ,भरद्वाज,गौतम,अत्रि,वशिष्ठ और कश्यप
सप्तपुरी ---------
अयोध्यापुरी,मथुरापुरी,मायापुरी {हरिद्वार},काशी ,कांची {शिन कांची - विष्णु कांची}
अवंतिका ,और द्वारिकापुरी
आठ योग----यम,नियम,आसन,,प्राणायाम ,प्रत्याहार,धारणा,ध्यान,एवं समाधि
आठ लक्ष्मी---आग्घ ,विद्या,सौभाग्य,अमृत,काम,सत्य,भोग एवं योगलक्ष्मी
नवदुर्गा ---शैलपुत्री,ब्रम्ह्चारिणी, चंद्रघंटा,कुष्मांडा,स्कंदमाता,कात्यायिनी ,कालरात्रि,महागौरी,एवं सिद्धिदात्री
दस दिशाएं---पूर्व,पश्चिम,उत्तर,दक्षिण,ईशान ,नैत्रत्य ,वायव्य ,अग्नि ,आकाश,एवं,पाताल
११ अवतार --मत्स्य,कच्छप,वराह,नरसिंह ,वामन,परशुराम,श्री राम, कृष्ण ,बलराम,बुद्ध ,एवं कल्कि
१२ मॉस--चैत्र,वैशाख,ज्येष्ठ,आषाढ़,श्रावण,भाद्रपद,अश्विन,कार्तिक,मार्गशीर्ष,पौष,फाल्गुन
१२ राशि--मेष,वृषभ,मिथुन,कर्क,सिंह कन्या ,तुला,वृश्चिक,धनु,मकर,कुम्भ,कन्या
१२ ज्योतिर्लिंग--सोमनाथ,मल्लिकार्जुन,महाकाल,ओमकारेश्वर,बैजनाथ ,रामेश्वरम,विश्वनाथ ,त्र्यंबकेश्वर,,केदारनाथ,घुश्मेश्वर ,भीमाशंकर,नागेश्वर
१५ तिथियां ---प्रतिपदा,द्वितीय,तृतीया,चतुर्थी,पंचमी,षष्ठी,सप्तमी,अष्टमी,नवमी,दशमी,एकादशी,द्वादशी,त्रयोदशी,चतुर्दशी,पूर्णिमा,अमावस्या
स्मृतियाँ --------------------
मनु,विष्णु,अत्रि,हरित,याज्ञवल्क ,,उशना ,अंगिरा,याम,आपस्तम्ब,सर्वत ,कात्यायन,बृहस्पति,पराशर,व्यास,शांख्य ,लिखित,दक्ष,शातातप ,  

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