मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

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शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

Sher Behatreen !!

अकेला देख के आ जाती है सताने मुझे 
तुम्हारी याद को कोई काम धाम नहीं है क्या ?--असद अजमेरी 

इम्तहान समझ के सारे गम सहा करें 
शख्सियत महक उट्ठेगी ,बस खुश रहा करें 

इतनी ठोकरें देने के लिए शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी 
चलने का ना सही सम्हालने का हुनर तो आ गया 

भीड़ का हिस्सा बनूँ ,ये फितरत नहीं है मेरी 
मुझे आदत है काफिले बनाने की 

बस गमो को गुमराह कर दें 
खुशियां खुद लौट आएँगी 

जो कभी संघर्ष से परिचित नहीं होता 
इतिहास गवाह है वो कभी चर्चित नहीं होता !

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