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शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017

Aarushi phir ro padi !!

आरुषि फिर रो पड़ी !!

साढ़े नौ बरस बाद 
शक की बिनाह पर छोड़ दिए गए तलवार दम्पति 
ये कहते हुए कि सबूत नाकाफी हैं 
तो ये किसका गुनाह है ,किसकी गलती है ?
एक घर ,चार लोग,दो मुर्दा ,दो ज़िंदा ,
घर के दरवाज़े भीतर से बंद 
गर बेगुनाह हैं ज़िंदा लोग 
तो गजब की नींद लेते हैं 
बेटी का गला काट दिया गया 
बगल के कमरे में ,
नौकर को मार दिया गया 
लाश सीढ़ियों से घसीट कर छत पे ले जाई गई
और माँ - बाप दोनों गहरी नींद सोते रहे 
सुबह पुलिस बुलाई गई उनके द्वारा 
 और फिर आते ही  पुलिस को रवाना कर दिया गया 
कि जनाब आप यहाँ क्या कर रहे हैं ?
जाइये जाकर हेमराज को पकड़िए 
जो क़त्ल कर के भाग गया है 
वो हेमराज जो खुद हो मुर्दा पड़ा था छत पे 
उसपर ढका हुआ था एक गद्दा 
और हाँ ! छत का दरवाज़ा भी भीतर से बंद था 
ताला लटका था वहां ,जिसकी चाभी भी थी तलवार दम्पति के पास ,
कई दिनों महीनो तक ,टीवी पर देखते रहे हम सब 
छत की दीवार पर वो खूनी पंजा,क़त्ल के हथियार की तलाश 
एक छत से दूसरी छतों की दूरियां 
खुखरी वाली थ्योरी ,और कृष्णा का नार्को टेस्ट 
राज कुमार से पूछताछ ,और तलवार की गोल्फ स्टिक 
शराब के तीन जूठे गिलास और ना जाने क्या क्या 
कोई और विषय ही नहीं था चर्चाओं का 
टीवी वालों की खूब चमकी हुई थी टीआरपी
कल फिर से जीवित हो गई है आरुषि उनके लिए 
चमकाने लग पड़े हैं वो अपनी टीआरपी 
लेकिन आरुषि फिर से रो पड़ी है 
क्या इन्साफ नहीं मिलेगा मुझे ?
 क्या कभी सजा नहीं पायेगा मेरा बेरहम कातिल  ?

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