अज्ञान -- अज्ञान जैसा कोई शत्रु नहीं ---चाणक्य
अज्ञानी होना मनुष्य का असाधारण अधिकार नहीं है बल्कि स्वयं अज्ञानी जानना ही उसका विशेष अधिकार है --राधाकृष्णन
अशिक्षित रहने से पैदा न होना अच्छा है क्योंकि अज्ञान ही सब विपत्ति का मूल है
मोह और स्वार्थ अज्ञान के पुत्र हैं अतः अज्ञानी मनुष्य ही दुष्ट और कायर होते हैं --गाँधी--
अज्ञानी के लिए ख़ामोशी से बढ़कर कोई चीज नहीं और यदि उसमे यह समझने की बुद्धि हो तो वह अज्ञानी नहीं रहेगा --शेख सादी
अतिथि---अतिथि जिसका अन्न खाता है उसके पाप धुल जाते हैं --अथर्व वेद
यदि किसी को भूख प्यास न लगती तो अतिथि सत्कार का अवसर कैसे मिलता ?--विनोबा
आवत ही हरषे नहीं नयनन नहीं सनेह
तुलसी वहां न जाइये ,कंचन बरसे मेह --तुलसी
यदि कुछ ना हो तो प्रेमपूर्वक बोल कर ही अतिथि का सत्कार करो --हितोपदेश
अत्याचार --अत्याचारी से बढ़कर दूसरा अभागा व्यक्ति नहीं क्यों की विपत्ति के समय उसका कोई मित्र नहीं होता --शेख सादी
गुलामों की अपेक्षा उनपर अत्याचार करने वाले की हालत ज्यादा खराब होती है --गाँधी जिसने किसी ऐसे व्यक्ति पर अत्याचार किया है जसका भगवन के सिवा कोई सहायक नहीं है तो उसे चाहिए कि सचेत रहे और अपने अत्याचार का फल शीघ्र न पाने से भ्रम में ना पड़ जाए --इस्माईल --इब्न --अबूबकर
अत्याचार करने वाला उतना ही दोषी है जितना उसे सहन करने वाला --तिलक
दुर्बल के प्रति अत्याचार करने में जिन्हे संकोच नहीं होता सबल के तलवे चाटने में भी उन्हें संकोच नहीं होता --अज्ञात
अधिकार--ईश्वर द्वारा निर्मित हवा पानी की तरह सब चीजों पर सबका सामान अधिकार होना चाहिये --गाँधी
अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नहीं हो जाता ---टैगोर
संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा और त्याग से प्राप्त होता है --प्रेमचंद
अधिकार विनाशकारी प्लेग के सामान है जिसे भी छूता है नष्ट कर देता है --शैली
अध्ययन ---सद्ग्रन्थ इस लोक की चिंतामणि है उनके अध्ययन से सब कुचिन्ताएं मिट जाती हैं। संशय पिशाच भाग जाते हैं और मन में सद्भाव जाग्रत होकर परम शांति प्राप्त होती है --शिवानंद
हम जितना अध्ययन करते हैं उतना हमको अज्ञान का आभास होता जाता है --अज्ञात
अनुभव---बिना अनुभव कोरा शाब्दिक ज्ञान अंधा है --विवेकानंद
दूसरों के अनुभव को जान लेना भी व्यक्ति के लिए अनुभव है --अज्ञात
यदि कोई केवल अनुभवों से बुद्धिमान हो जाता है तो लंदन के अजायबघर के पत्थर संसार के बड़े से बड़े बुद्धिमानों से अधिक बुद्धिमान होते --बर्नार्ड शॉ
अज्ञानी होना मनुष्य का असाधारण अधिकार नहीं है बल्कि स्वयं अज्ञानी जानना ही उसका विशेष अधिकार है --राधाकृष्णन
अशिक्षित रहने से पैदा न होना अच्छा है क्योंकि अज्ञान ही सब विपत्ति का मूल है
मोह और स्वार्थ अज्ञान के पुत्र हैं अतः अज्ञानी मनुष्य ही दुष्ट और कायर होते हैं --गाँधी--
अज्ञानी के लिए ख़ामोशी से बढ़कर कोई चीज नहीं और यदि उसमे यह समझने की बुद्धि हो तो वह अज्ञानी नहीं रहेगा --शेख सादी
अतिथि---अतिथि जिसका अन्न खाता है उसके पाप धुल जाते हैं --अथर्व वेद
यदि किसी को भूख प्यास न लगती तो अतिथि सत्कार का अवसर कैसे मिलता ?--विनोबा
आवत ही हरषे नहीं नयनन नहीं सनेह
तुलसी वहां न जाइये ,कंचन बरसे मेह --तुलसी
यदि कुछ ना हो तो प्रेमपूर्वक बोल कर ही अतिथि का सत्कार करो --हितोपदेश
अत्याचार --अत्याचारी से बढ़कर दूसरा अभागा व्यक्ति नहीं क्यों की विपत्ति के समय उसका कोई मित्र नहीं होता --शेख सादी
गुलामों की अपेक्षा उनपर अत्याचार करने वाले की हालत ज्यादा खराब होती है --गाँधी जिसने किसी ऐसे व्यक्ति पर अत्याचार किया है जसका भगवन के सिवा कोई सहायक नहीं है तो उसे चाहिए कि सचेत रहे और अपने अत्याचार का फल शीघ्र न पाने से भ्रम में ना पड़ जाए --इस्माईल --इब्न --अबूबकर
अत्याचार करने वाला उतना ही दोषी है जितना उसे सहन करने वाला --तिलक
दुर्बल के प्रति अत्याचार करने में जिन्हे संकोच नहीं होता सबल के तलवे चाटने में भी उन्हें संकोच नहीं होता --अज्ञात
अधिकार--ईश्वर द्वारा निर्मित हवा पानी की तरह सब चीजों पर सबका सामान अधिकार होना चाहिये --गाँधी
अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नहीं हो जाता ---टैगोर
संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा और त्याग से प्राप्त होता है --प्रेमचंद
अधिकार विनाशकारी प्लेग के सामान है जिसे भी छूता है नष्ट कर देता है --शैली
अध्ययन ---सद्ग्रन्थ इस लोक की चिंतामणि है उनके अध्ययन से सब कुचिन्ताएं मिट जाती हैं। संशय पिशाच भाग जाते हैं और मन में सद्भाव जाग्रत होकर परम शांति प्राप्त होती है --शिवानंद
हम जितना अध्ययन करते हैं उतना हमको अज्ञान का आभास होता जाता है --अज्ञात
अनुभव---बिना अनुभव कोरा शाब्दिक ज्ञान अंधा है --विवेकानंद
दूसरों के अनुभव को जान लेना भी व्यक्ति के लिए अनुभव है --अज्ञात
यदि कोई केवल अनुभवों से बुद्धिमान हो जाता है तो लंदन के अजायबघर के पत्थर संसार के बड़े से बड़े बुद्धिमानों से अधिक बुद्धिमान होते --बर्नार्ड शॉ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें