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बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

Anmol Moti --- { 1 }

अज्ञान -- अज्ञान जैसा कोई शत्रु नहीं ---चाणक्य 
अज्ञानी होना मनुष्य का असाधारण अधिकार नहीं है बल्कि स्वयं अज्ञानी जानना ही उसका विशेष अधिकार है --राधाकृष्णन 
अशिक्षित रहने से पैदा न होना अच्छा है क्योंकि अज्ञान ही सब विपत्ति का मूल है 
मोह और स्वार्थ अज्ञान के पुत्र हैं अतः अज्ञानी मनुष्य ही दुष्ट और कायर होते हैं --गाँधी--
अज्ञानी के लिए ख़ामोशी से बढ़कर कोई चीज नहीं और यदि उसमे यह समझने की बुद्धि हो तो वह अज्ञानी नहीं रहेगा --शेख सादी 
अतिथि---अतिथि जिसका अन्न खाता है उसके पाप धुल  जाते हैं --अथर्व वेद 
यदि किसी को भूख प्यास न लगती तो अतिथि सत्कार का अवसर कैसे मिलता ?--विनोबा 
आवत ही हरषे नहीं नयनन नहीं सनेह 
तुलसी वहां न जाइये ,कंचन बरसे मेह --तुलसी 
यदि कुछ ना हो तो प्रेमपूर्वक बोल कर ही अतिथि का सत्कार करो --हितोपदेश 
अत्याचार --अत्याचारी से बढ़कर दूसरा अभागा व्यक्ति नहीं क्यों की विपत्ति के समय उसका कोई मित्र नहीं होता --शेख सादी 
गुलामों की अपेक्षा उनपर अत्याचार करने वाले की हालत ज्यादा खराब होती है --गाँधी जिसने किसी ऐसे व्यक्ति पर अत्याचार किया है जसका भगवन के सिवा कोई सहायक नहीं है तो उसे चाहिए कि सचेत रहे और अपने अत्याचार का फल शीघ्र न पाने से भ्रम में ना पड़  जाए --इस्माईल --इब्न --अबूबकर 
अत्याचार करने वाला उतना ही दोषी है जितना उसे सहन करने वाला --तिलक
 दुर्बल के प्रति अत्याचार करने में जिन्हे संकोच नहीं होता सबल के तलवे चाटने में भी उन्हें संकोच नहीं होता --अज्ञात 
अधिकार--ईश्वर द्वारा निर्मित हवा पानी की तरह सब चीजों पर सबका सामान अधिकार होना चाहिये --गाँधी 
अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नहीं हो जाता ---टैगोर 
संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा और त्याग से प्राप्त होता है --प्रेमचंद 
अधिकार विनाशकारी प्लेग के सामान है जिसे भी छूता  है नष्ट कर देता है --शैली 
अध्ययन ---सद्ग्रन्थ इस लोक की चिंतामणि है उनके अध्ययन से सब कुचिन्ताएं मिट जाती हैं। संशय पिशाच भाग जाते हैं और मन में सद्भाव जाग्रत होकर परम शांति प्राप्त होती है --शिवानंद 
हम जितना अध्ययन करते हैं उतना हमको अज्ञान का आभास होता जाता है --अज्ञात 
अनुभव---बिना अनुभव कोरा शाब्दिक ज्ञान अंधा है --विवेकानंद 
दूसरों के अनुभव को जान लेना भी व्यक्ति के लिए अनुभव है --अज्ञात 
यदि कोई केवल अनुभवों से बुद्धिमान हो जाता है तो लंदन के अजायबघर के पत्थर संसार के बड़े से बड़े बुद्धिमानों से अधिक बुद्धिमान होते --बर्नार्ड शॉ 

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