अन्याय --अन्याय सहने से अन्याय करना अधिक अच्छा है कोई भी इस सिद्धांत को स्वीकार नहीं करेगा --अरस्तु
अन्याय सह लेने वाला अपराधी होता है यदि वह न सहा जाए तो फिर कोई किसी से अन्याय पूर्ण व्यवहार कर ही नहीं सकेगा --टैगोर
अन्याय को मिटाओ लेकिन अपने आप को मिटा कर नहीं --प्रेमचंद
अपमान --- धूल स्वयं अपमान सह लेती है बदले में फूलों का उपहार देती है
अपमान का डर कानून के डर से किसी तरह काम क्रियाशील नहीं होता --प्रेमचंद अपमानपूर्ण जीवन से मृत्यु अच्छी है --कहावत
अपराध --दूसरों के प्रति किये गए छोटे अपराध अपने प्रति किये गए बड़े अपराध हैं --अज्ञात
अपराध मनुष्य के मुख पर लिखा रहता है --गाँधी
अपराधी मन संदेह का अड्डा है --शेक्सपियर
अभिमान--जरा रूप को आशा धैर्य को मृत्यु प्राण को असूया धर्म चर्या को क्रोध श्री को काम लज्जा को और अभिमान सबको हराता है --विदुरनीति अभिमान नरक का मूल है --महाभारत
अभिमान टूटने के लिए बना है --कहावत
कोयल दिव्य आम्ररस पीकर भी अभिमान नहीं करती लेकिन मेंढक पानी पीकर ही टर्राने लगता है --प्रसंग रत्नावली
कबीरा गरब ना कीजिये कबहुँ न हँसिये कोय
अबहुँ नाव समुद्र में का जाने का होय --कबीर
समस्त महान गलतियों की तह में अभिमान ही होता है --रस्किन
किसी भी हालत में अपनी शक्ति पर घमंड ना कर यह बहुरुपिया आसमान हर घडी हज़ारों रंग बदलता है --हाफिज
जिसे होश है वह कभी घमंड नहीं करता --शेख सादी
घमंडी आदमी प्रायः शक्की हुआ करता है --प्रेमचंद
अभिलाषा --हमारी अभिलाषा जीवन रूपी भाप को इंद्रधनुष का रंग दे देती है --टैगोर
अभिलाषा सब दुखों का मूल है ---बुद्ध
अभिलाषाओं से ऊपर उठ जाओ वे पूरी हो जाएँगी मांगोगे तो वे तुमसे दूर जा पड़ेंगी --रामतीर्थ
कोई अभिलाषा अपूर्ण नहीं रहती --खलील जिब्रान
अभिलाषा ही घोडा बन सकती तो प्रत्येक मनुष्य घुड़सवार बन जाता --शेक्सपियर
अन्याय सह लेने वाला अपराधी होता है यदि वह न सहा जाए तो फिर कोई किसी से अन्याय पूर्ण व्यवहार कर ही नहीं सकेगा --टैगोर
अन्याय को मिटाओ लेकिन अपने आप को मिटा कर नहीं --प्रेमचंद
अपमान --- धूल स्वयं अपमान सह लेती है बदले में फूलों का उपहार देती है
अपमान का डर कानून के डर से किसी तरह काम क्रियाशील नहीं होता --प्रेमचंद अपमानपूर्ण जीवन से मृत्यु अच्छी है --कहावत
अपराध --दूसरों के प्रति किये गए छोटे अपराध अपने प्रति किये गए बड़े अपराध हैं --अज्ञात
अपराध मनुष्य के मुख पर लिखा रहता है --गाँधी
अपराधी मन संदेह का अड्डा है --शेक्सपियर
अभिमान--जरा रूप को आशा धैर्य को मृत्यु प्राण को असूया धर्म चर्या को क्रोध श्री को काम लज्जा को और अभिमान सबको हराता है --विदुरनीति अभिमान नरक का मूल है --महाभारत
अभिमान टूटने के लिए बना है --कहावत
कोयल दिव्य आम्ररस पीकर भी अभिमान नहीं करती लेकिन मेंढक पानी पीकर ही टर्राने लगता है --प्रसंग रत्नावली
कबीरा गरब ना कीजिये कबहुँ न हँसिये कोय
अबहुँ नाव समुद्र में का जाने का होय --कबीर
समस्त महान गलतियों की तह में अभिमान ही होता है --रस्किन
किसी भी हालत में अपनी शक्ति पर घमंड ना कर यह बहुरुपिया आसमान हर घडी हज़ारों रंग बदलता है --हाफिज
जिसे होश है वह कभी घमंड नहीं करता --शेख सादी
घमंडी आदमी प्रायः शक्की हुआ करता है --प्रेमचंद
अभिलाषा --हमारी अभिलाषा जीवन रूपी भाप को इंद्रधनुष का रंग दे देती है --टैगोर
अभिलाषा सब दुखों का मूल है ---बुद्ध
अभिलाषाओं से ऊपर उठ जाओ वे पूरी हो जाएँगी मांगोगे तो वे तुमसे दूर जा पड़ेंगी --रामतीर्थ
कोई अभिलाषा अपूर्ण नहीं रहती --खलील जिब्रान
अभिलाषा ही घोडा बन सकती तो प्रत्येक मनुष्य घुड़सवार बन जाता --शेक्सपियर
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