आपत्ति ---ईश्वर आपत्तियों का भला करे क्योंकि इन्हीके द्वारा हमने अपने मित्रों और शत्रुओं को परख लिया है ---अज्ञात
मनुष्य को आपत्ति का सामना करने के लिए सहयता देने में मुस्कान से बढ़ कर कोई चीज नहीं है --तिरुवल्लुवर
आपत्ति मनुष्य बनती है और संपत्ति राक्षस --विक्टर ह्यूगो
धीरज धर्म मित्र अरु नारी
आपात काल परखिये चारी !---तुलसी
आपत्तिकाल में हमारी अजीब अजीब लोगों से जान पहचान हो जाती है जो अन्यथा संभव नहीं --शेक्सपियर
रंज से खूंगर हुआ इन्सां तो मिट जाता है गम
मुश्किलें मुझपर पड़ीं इतनी की आंसा हो गईं -ग़ालिब
आलस्य --आलस्य दरिद्रता का मूल है --यजुर्वेद
पानी में यदि सिवार हो तो मनुष्य अपना प्रतिबिम्ब नहीं देख सकता इसी प्रकार जिसका मन आलस्य से पूर्ण होता है वह अपना हित नहीं समझ सकता दूसरों का हित क्या समझेगा --बुद्ध
ईश्वर उसी की सहायता करता है जो अपनी सहायता स्वयं करता है आलसी मनुष्य को वह मरने देना ही पसंद करेगा --गाँधी
आलस्य जीवित मनुष्य को ही दफना देता है --कहावत
आलसी के पास समय नहीं होता --इटालियन कहावत
आशा --आशा एक नदी है जिसमे इच्छा रूपी जल है तृष्णा उस नदी की तरंगे हैं आसक्ति उसके मगर हैं तर्क वितर्क उसके पक्षी हैं मोह रूपी भंवरों के कारण यह सुकुमार तथा गहरी है चिंता उसके ऊँचे नीचे किनारे हैं जो धैर्य रूपी वृक्षों को नष्ट करने वाली है जो शुद्ध चित्त योगीश्वर इसके पार चले जाते हैं वे बड़ा आनंद अनुभव करते हैं ---भृतृहरि
आशा अमर है उसकी आराधना कभी निष्फल नहीं होती ---गाँधी
आशा जीवन का लंगर है उसका सहारा छोड़ने से आदमी भवसागर में बाह जाता है लेकिन बिना हाथपैर हिलाये केवल आशा करने से काम नहीं चल सकता --लुकमान
प्रयत्नशील मनुष्य के लिए सदा आशा है --गेटे
निरर्थक आशा से बंधा मानव अपना हृदय सूखा डालता है और आशा की कड़ी टूटते ही वह झट से विदा हो जाता है --टैगोर
जितनी अधिक आशा रखोगे उतनी अधिक निराशा होगी ---कहावत
स्मृति पीछे दृष्टि डालती है और आशा आगे --रामचंद्र टंडन
मेरी राय मानो अपनी नाक से आगे ना देखा करो तुम्हे हमेशा मालूम होता रहेगा की उससे आगे भी कुछ है वह ज्ञान तुम्हे आशा और आनंद से मस्त रखेगा। --बर्नार्ड शॉ
मनुष्य को आपत्ति का सामना करने के लिए सहयता देने में मुस्कान से बढ़ कर कोई चीज नहीं है --तिरुवल्लुवर
आपत्ति मनुष्य बनती है और संपत्ति राक्षस --विक्टर ह्यूगो
धीरज धर्म मित्र अरु नारी
आपात काल परखिये चारी !---तुलसी
आपत्तिकाल में हमारी अजीब अजीब लोगों से जान पहचान हो जाती है जो अन्यथा संभव नहीं --शेक्सपियर
रंज से खूंगर हुआ इन्सां तो मिट जाता है गम
मुश्किलें मुझपर पड़ीं इतनी की आंसा हो गईं -ग़ालिब
आलस्य --आलस्य दरिद्रता का मूल है --यजुर्वेद
पानी में यदि सिवार हो तो मनुष्य अपना प्रतिबिम्ब नहीं देख सकता इसी प्रकार जिसका मन आलस्य से पूर्ण होता है वह अपना हित नहीं समझ सकता दूसरों का हित क्या समझेगा --बुद्ध
ईश्वर उसी की सहायता करता है जो अपनी सहायता स्वयं करता है आलसी मनुष्य को वह मरने देना ही पसंद करेगा --गाँधी
आलस्य जीवित मनुष्य को ही दफना देता है --कहावत
आलसी के पास समय नहीं होता --इटालियन कहावत
आशा --आशा एक नदी है जिसमे इच्छा रूपी जल है तृष्णा उस नदी की तरंगे हैं आसक्ति उसके मगर हैं तर्क वितर्क उसके पक्षी हैं मोह रूपी भंवरों के कारण यह सुकुमार तथा गहरी है चिंता उसके ऊँचे नीचे किनारे हैं जो धैर्य रूपी वृक्षों को नष्ट करने वाली है जो शुद्ध चित्त योगीश्वर इसके पार चले जाते हैं वे बड़ा आनंद अनुभव करते हैं ---भृतृहरि
आशा अमर है उसकी आराधना कभी निष्फल नहीं होती ---गाँधी
आशा जीवन का लंगर है उसका सहारा छोड़ने से आदमी भवसागर में बाह जाता है लेकिन बिना हाथपैर हिलाये केवल आशा करने से काम नहीं चल सकता --लुकमान
प्रयत्नशील मनुष्य के लिए सदा आशा है --गेटे
निरर्थक आशा से बंधा मानव अपना हृदय सूखा डालता है और आशा की कड़ी टूटते ही वह झट से विदा हो जाता है --टैगोर
जितनी अधिक आशा रखोगे उतनी अधिक निराशा होगी ---कहावत
स्मृति पीछे दृष्टि डालती है और आशा आगे --रामचंद्र टंडन
मेरी राय मानो अपनी नाक से आगे ना देखा करो तुम्हे हमेशा मालूम होता रहेगा की उससे आगे भी कुछ है वह ज्ञान तुम्हे आशा और आनंद से मस्त रखेगा। --बर्नार्ड शॉ
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