प्रसन्नता --चित्त के प्रसन्न रहने से सब दुःख नष्ट हो जाते हैं जिसे प्रसन्नता प्राप्त हो जाती है उसकी बुद्धि तुरंत स्थिर हो जाती है --गीता
दुनिया में प्रसन्न रहने का एक ही उपाय है और वह यह कि अपनी ज़रूरतें काम करो --गाँधी
काम में व्यस्त रहने से मन को बड़ी प्रसन्नता मिलती है --हॉर्न
प्रसन्नता सभी सद्गुणों की माँ है --गेटे
चित्त की प्रसन्नता ही व्यवहार की उदारता बनती है --प्रेमचंद
प्रसन्नचित्त व्यक्ति अधिक जीते हैं --शेक्सपियर
प्रसन्नता को हम जितना लुटाएंगे वह उतनी ही अधिक हमारे पास आएगी --विक्टर ह्यूगो
अपनी वर्त्तमान प्रसन्नताओं को इस तरह भोगो इस प्रकार भोगो कि भावी प्रसन्नता को हानि न पहुंचे सेनेका
प्रसन्नचित्त व्यक्ति कभी अपने कर्म में असफल नहीं होते --शेखसादी
सदैव प्रसन्न रहो इससे मस्तिष्क में अच्छे विचार आते हैं और मन शुभ कामो की ओर लगा रहता है --टैगोर
प्रसिद्धि --प्रसिद्धि वीरता के कामों की महक है --सुकरात
खून की नदियाँ बहाने के बजाय एक आंसू पोंछने में सच्ची प्रसिद्धि है --बायरन
यह प्रसिद्धि ही का दंड है आदमी को हमेशा उन्नतिशील बने रहना पड़ता है --चैपिन
धन्य हैं वे लोग जिनकी प्रसिद्धि उनकी सत्यता से अधिक प्रकाशमान होती है --टैगोर
प्रार्थना --धैर्य सबसे बड़ी प्रार्थना है --बुद्ध
प्रार्थना पश्चात्ताप का चिन्ह है --गाँधी
तुम माँगते हो वो तुम्हे नहीं मिलता क्योंकि तुम गलत चीज माँगते हो --बाइबिल
क्या प्रार्थनाओं का सचमुच कुछ प्रभाव है जब मन और वाणी मिलकर कुछ माँगते हैं तो उस प्रार्थना का उत्तर ज़रूर मिलता है --रामकृष्ण परम हंस
प्रार्थना का प्रभाव मन और आत्मा पर होता है --विनोबा
असहाय अवस्था में प्रार्थना के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं है --जयशंकर प्रसाद
प्रार्थना ईश्वर की आवाज़ है --हॉर्न
मनुष्य जब प्रार्थना करता है चाहता है कुछ अजूबा हो --तुर्गनेव
ए खुदा मेरी प्रार्थना है मैं अंदर से खूबसूरत हो जाऊं --सुकरात
प्रार्थना द्वारा कुछ मांगना है तो ऐसी चीज मत मांग जो विनाशशील है --विवेकानंद
मैं भगवन से अष्टसिद्धि या मोक्ष की कामना नहीं करता मेरी यही एक प्रार्थना है कि मैं सभी प्राणियों के हृदय में रहूं और उनके दुखों को सहन करूँ
दुनिया में प्रसन्न रहने का एक ही उपाय है और वह यह कि अपनी ज़रूरतें काम करो --गाँधी
काम में व्यस्त रहने से मन को बड़ी प्रसन्नता मिलती है --हॉर्न
प्रसन्नता सभी सद्गुणों की माँ है --गेटे
चित्त की प्रसन्नता ही व्यवहार की उदारता बनती है --प्रेमचंद
प्रसन्नचित्त व्यक्ति अधिक जीते हैं --शेक्सपियर
प्रसन्नता को हम जितना लुटाएंगे वह उतनी ही अधिक हमारे पास आएगी --विक्टर ह्यूगो
अपनी वर्त्तमान प्रसन्नताओं को इस तरह भोगो इस प्रकार भोगो कि भावी प्रसन्नता को हानि न पहुंचे सेनेका
प्रसन्नचित्त व्यक्ति कभी अपने कर्म में असफल नहीं होते --शेखसादी
सदैव प्रसन्न रहो इससे मस्तिष्क में अच्छे विचार आते हैं और मन शुभ कामो की ओर लगा रहता है --टैगोर
प्रसिद्धि --प्रसिद्धि वीरता के कामों की महक है --सुकरात
खून की नदियाँ बहाने के बजाय एक आंसू पोंछने में सच्ची प्रसिद्धि है --बायरन
यह प्रसिद्धि ही का दंड है आदमी को हमेशा उन्नतिशील बने रहना पड़ता है --चैपिन
धन्य हैं वे लोग जिनकी प्रसिद्धि उनकी सत्यता से अधिक प्रकाशमान होती है --टैगोर
प्रार्थना --धैर्य सबसे बड़ी प्रार्थना है --बुद्ध
प्रार्थना पश्चात्ताप का चिन्ह है --गाँधी
तुम माँगते हो वो तुम्हे नहीं मिलता क्योंकि तुम गलत चीज माँगते हो --बाइबिल
क्या प्रार्थनाओं का सचमुच कुछ प्रभाव है जब मन और वाणी मिलकर कुछ माँगते हैं तो उस प्रार्थना का उत्तर ज़रूर मिलता है --रामकृष्ण परम हंस
प्रार्थना का प्रभाव मन और आत्मा पर होता है --विनोबा
असहाय अवस्था में प्रार्थना के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं है --जयशंकर प्रसाद
प्रार्थना ईश्वर की आवाज़ है --हॉर्न
मनुष्य जब प्रार्थना करता है चाहता है कुछ अजूबा हो --तुर्गनेव
ए खुदा मेरी प्रार्थना है मैं अंदर से खूबसूरत हो जाऊं --सुकरात
प्रार्थना द्वारा कुछ मांगना है तो ऐसी चीज मत मांग जो विनाशशील है --विवेकानंद
मैं भगवन से अष्टसिद्धि या मोक्ष की कामना नहीं करता मेरी यही एक प्रार्थना है कि मैं सभी प्राणियों के हृदय में रहूं और उनके दुखों को सहन करूँ
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