खिचड़ा !!
कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा।
भानुमति ने कुनबा जोड़ा
जिसने अपने घर को तोडा
स्वार्थ में हरदम थोड़ा थोड़ा
क्या देश का भला करेंगे
ऐसे स्वार्थी और घरफोड़ा
कई बार हम सबने देखा
हमारे हक़ पे पड़ता दरोडा
बना रहे फिर जोड़ा तोड़ा
अँधा ,लूला,काना ,कुबड़ा ,
टटटू हैं सब भाड़े के ये
सौदेबाज तिरछा कोई आड़ा
जोड़ तोड़ करते वोटों का
जनता को कई टुकड़ों में तोडा
भ्रष्टाचार में एक से एक बड़ा
लड़ते हरदम ,करते झगड़ा
देश बेचने से नहीं हिचकते
भरते अपने पाप का घड़ा
अब तक मूर्ख समझें हम सब को
कर रहें हैं देखो अगड़ा पिछड़ा
हम सभी एक भारत वासी हैं
वोट हमारा कीमती बड़ा
लोकतंत्र की रक्षा करना है
वर्षों बाद तो सूर्य चढ़ा !!
भानुमति ने कुनबा जोड़ा
जिसने अपने घर को तोडा
स्वार्थ में हरदम थोड़ा थोड़ा
क्या देश का भला करेंगे
ऐसे स्वार्थी और घरफोड़ा
कई बार हम सबने देखा
हमारे हक़ पे पड़ता दरोडा
बना रहे फिर जोड़ा तोड़ा
अँधा ,लूला,काना ,कुबड़ा ,
टटटू हैं सब भाड़े के ये
सौदेबाज तिरछा कोई आड़ा
जोड़ तोड़ करते वोटों का
जनता को कई टुकड़ों में तोडा
भ्रष्टाचार में एक से एक बड़ा
लड़ते हरदम ,करते झगड़ा
देश बेचने से नहीं हिचकते
भरते अपने पाप का घड़ा
अब तक मूर्ख समझें हम सब को
कर रहें हैं देखो अगड़ा पिछड़ा
हम सभी एक भारत वासी हैं
वोट हमारा कीमती बड़ा
लोकतंत्र की रक्षा करना है
वर्षों बाद तो सूर्य चढ़ा !!
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