बजाहिर है तेरी नेमत,तेरी फराकत ,
बन्दे हैं तेरे ,बंदगी करते हैं तेरी
नहीं है तुझसे कोई शिकायत ,
एतबार हैं तेरे इंसाफ पे,
चाहे दुनिया करे कितनी ही लानत मलामत ,
क़ाज़ी है तू ,तू ही मुंसिफ हमारा ,
दुनिया तो रखती है खालिस अदावत ,
पत्ता भी तेरे बगैर न हिलता चमन में,
किसकी है हिम्मत किसकी हिमाकत ,
जी सकता है इंसान बगैर पाए कोई दौलत
या कोई शोहरत ,
मर जाएगा पल में,जो ना हो तेरी इजाज़त
तेरी रहमत !
बजाहिर : प्रकट होना,नेमत:कृपा ,फराकत :दया निधान ,खालिस:शुद्ध ,लानत मलामत : कोसना
बन्दे हैं तेरे ,बंदगी करते हैं तेरी
नहीं है तुझसे कोई शिकायत ,
एतबार हैं तेरे इंसाफ पे,
चाहे दुनिया करे कितनी ही लानत मलामत ,
क़ाज़ी है तू ,तू ही मुंसिफ हमारा ,
दुनिया तो रखती है खालिस अदावत ,
पत्ता भी तेरे बगैर न हिलता चमन में,
किसकी है हिम्मत किसकी हिमाकत ,
जी सकता है इंसान बगैर पाए कोई दौलत
या कोई शोहरत ,
मर जाएगा पल में,जो ना हो तेरी इजाज़त
तेरी रहमत !
बजाहिर : प्रकट होना,नेमत:कृपा ,फराकत :दया निधान ,खालिस:शुद्ध ,लानत मलामत : कोसना
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें