मुहाले तलाशे नज़र देख लीजे
वो ही वो हैं जिधर देख लीजे
अभी उनको देख कर पलटी थी नज़रें
कि दिल ने कहा फिर उधर देख लीजे !
जिनके दीदार की हसरत थी
वो हमसे मिले तो यूँ मिले
हम नज़र मिलते ही रहे
वो नज़र झुका कर चल दिए !
आना मेरी कब्र पे ,रहना परे परे,
ठोकर खाने से जाग उठते हैं आशिक़ मरे मरे !
हीना मल मल के पानी में बहाते हो
ज़ालिम क्या करते हो आग पानी में लगाते हो !
हीना रंग लाती है सूख जाने के बाद
इंसान को होश आता है ठोकर खाने के बाद !
उनकी और मेरी दीवाली में इतना ही फरक होगा
हम दीप जलाएंगे ,वो दिल जलाएंगे !
यही अरमान लेकर आज अपने घर से हम निकले
जहाँ थी जिंदगी अपनी उन्ही गलियों में दम निकले !
जनाज़ा मेरा रोक कर बड़े अंदाज़ से बोले
हमने तो सोचा था गली छोड़ोगे लेकिन तुम तो दुनिया छोड़ चले !
जहाँ पर फूल खिलते हैं उसे गुलशन कहते हैं
जहाँ पर रूप जलते हैं उसे श्मशान कहते हैं
गुलशन और श्मशान में इतना ही फर्क है
उजड़े हुए गुलशन को श्मशान कहते हैं !
वो ही वो हैं जिधर देख लीजे
अभी उनको देख कर पलटी थी नज़रें
कि दिल ने कहा फिर उधर देख लीजे !
जिनके दीदार की हसरत थी
वो हमसे मिले तो यूँ मिले
हम नज़र मिलते ही रहे
वो नज़र झुका कर चल दिए !
आना मेरी कब्र पे ,रहना परे परे,
ठोकर खाने से जाग उठते हैं आशिक़ मरे मरे !
हीना मल मल के पानी में बहाते हो
ज़ालिम क्या करते हो आग पानी में लगाते हो !
हीना रंग लाती है सूख जाने के बाद
इंसान को होश आता है ठोकर खाने के बाद !
उनकी और मेरी दीवाली में इतना ही फरक होगा
हम दीप जलाएंगे ,वो दिल जलाएंगे !
यही अरमान लेकर आज अपने घर से हम निकले
जहाँ थी जिंदगी अपनी उन्ही गलियों में दम निकले !
जनाज़ा मेरा रोक कर बड़े अंदाज़ से बोले
हमने तो सोचा था गली छोड़ोगे लेकिन तुम तो दुनिया छोड़ चले !
जहाँ पर फूल खिलते हैं उसे गुलशन कहते हैं
जहाँ पर रूप जलते हैं उसे श्मशान कहते हैं
गुलशन और श्मशान में इतना ही फर्क है
उजड़े हुए गुलशन को श्मशान कहते हैं !
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