दोनों सिनेमा हॉल पहुंचे तो देखा काफी सारे छात्र छात्राये ही थे ,शायद उन्ही की तरह प्रतियोगी जो अलग अलग जगहों से आये थे। और सामान्य शायद नहीं ही थे। कमल जब टिकट लेने पहुंचा तो बालकनी फुल हो चुकी थी। निराश सा कमल पलट रहा था कि विंडो से आवाज़ आयी ,बॉक्स है एक ,महंगा है ,बालकनी से दुगनी कीमत के दो सीट्स हैं,कमल ने कुछ सोचने की मुद्रा में ठिठक कर फिर हाँ कहा और दोनों टिकट ले लिए। तब तक घंटी बच चुकी थी। कमल और अंजुरी दोनों ही अपनी सीट्स पर जाकर बैठ गए। कमल को उम्मीद थी शायद गेटकीपर टिकट चेक करने आएगा। दोनों के बैठते ही न्यूज़ रील चालू हो गई। दोनों को इतना एकांत बहुत समय के बाद मिला था। दोनों खुश भी थे। दोनों एक दूसरे के समीप थे। कमल ने अंजुरी के कंधे पर हाथ रखा तो वह कमल के और पास सिमट गई।
कब न्यूज़ रील समाप्त हुई और कब फिल्म शुरू हुई ,दोनों को पता ना चला। दोनों शांत थे ,उद्वेलित नहीं ,दोनों को सामीप्य का संतोष था ,उत्तेजना नहीं थी ,यह आश्चर्य जनक था कि दोनों युवा थे किन्तु हृदय की गहराइयों से एक दूसरे के प्रेम बंधन में बंध चुके थे। जब इंटरवल में रौशनी हुई तो दोनों ने अपने आप को वर्तमान में पाया। कमल ,अभी आता हूँ बोल कर बाहर चला गया,वह आते समय दो समोसे और दो आइस क्रीम लेकर आया। अंजुरी को अच्छा लगा। थोड़ी देर में फिर अँधेरा हो गया,अंजुरी ने फिर से अधिकार से अपना सर कमल के काँधे पर रख दिया। कमल ने कभी भी सीमा का अतिक्रमण नहीं किया ,और अंजुरी के दिल में इसीलिए उसका स्थान बहुत ऊँचा था। फिल्म ख़त्म होने को थी ,रौशनी होने से पहले अंजुरी ने ही उसे झट से चूम लिया। रौशनी होते ही वह अनजान बनकर दूसरी ओर देखने लगी।
वे हँसते मुस्कुराते सीढ़ियां उतर रहे थे जब अचानक ही कमल की नज़र जिस व्यक्ति पर पड़ी उसे देख कर उसका चेहरा सफ़ेद पड़ गया। "यहाँ कैसे कुंवर सा ?" उस व्यक्ति ने पूछा। "महाविद्यालय की ओर से खेलने आया हूँ " ये ,तहसीलदार साहब की बेटी भी बैडमिंटन खेलने आयी है " उस व्यक्ति ने सर हिलाया। "मास्टर साहब या मैडम जी नहीं आईं हैं ? उसने पूरा इन्क्वायरी दफ्तर ही खोल दिया। "आये हैं ,मैडम जी कुछ काम से कहीं गई हैं ,चौहान सर ,कमरे पर सो रहे हैं " कमल ने उसे विस्तार से बता दिया। वह भी काफी प्रभावशाली वंश से था। और इस प्रकार के लोग प्रायः प्रतिद्वंदी हुआ करते हैं ,वे छिद्रान्वेषी भी होते हैं। वह जा चुका था। कमल ने बताया वह रणवीर सिंह था ,और वह भी ज़मीदार है ,उसके पापा से कम ज़मीने हैं उनके पास। कमल ने बताया कि वह महा विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम और 26 जनवरी पर भी आये थे। अंजुरी नहीं समझ सकी कि यह बात कितनी गंभीर है ,लेकिन कमल भलीभांति जानता था कि यह बात बहुत बहुत गंभीर थी ---क्रमशः ------
कब न्यूज़ रील समाप्त हुई और कब फिल्म शुरू हुई ,दोनों को पता ना चला। दोनों शांत थे ,उद्वेलित नहीं ,दोनों को सामीप्य का संतोष था ,उत्तेजना नहीं थी ,यह आश्चर्य जनक था कि दोनों युवा थे किन्तु हृदय की गहराइयों से एक दूसरे के प्रेम बंधन में बंध चुके थे। जब इंटरवल में रौशनी हुई तो दोनों ने अपने आप को वर्तमान में पाया। कमल ,अभी आता हूँ बोल कर बाहर चला गया,वह आते समय दो समोसे और दो आइस क्रीम लेकर आया। अंजुरी को अच्छा लगा। थोड़ी देर में फिर अँधेरा हो गया,अंजुरी ने फिर से अधिकार से अपना सर कमल के काँधे पर रख दिया। कमल ने कभी भी सीमा का अतिक्रमण नहीं किया ,और अंजुरी के दिल में इसीलिए उसका स्थान बहुत ऊँचा था। फिल्म ख़त्म होने को थी ,रौशनी होने से पहले अंजुरी ने ही उसे झट से चूम लिया। रौशनी होते ही वह अनजान बनकर दूसरी ओर देखने लगी।
वे हँसते मुस्कुराते सीढ़ियां उतर रहे थे जब अचानक ही कमल की नज़र जिस व्यक्ति पर पड़ी उसे देख कर उसका चेहरा सफ़ेद पड़ गया। "यहाँ कैसे कुंवर सा ?" उस व्यक्ति ने पूछा। "महाविद्यालय की ओर से खेलने आया हूँ " ये ,तहसीलदार साहब की बेटी भी बैडमिंटन खेलने आयी है " उस व्यक्ति ने सर हिलाया। "मास्टर साहब या मैडम जी नहीं आईं हैं ? उसने पूरा इन्क्वायरी दफ्तर ही खोल दिया। "आये हैं ,मैडम जी कुछ काम से कहीं गई हैं ,चौहान सर ,कमरे पर सो रहे हैं " कमल ने उसे विस्तार से बता दिया। वह भी काफी प्रभावशाली वंश से था। और इस प्रकार के लोग प्रायः प्रतिद्वंदी हुआ करते हैं ,वे छिद्रान्वेषी भी होते हैं। वह जा चुका था। कमल ने बताया वह रणवीर सिंह था ,और वह भी ज़मीदार है ,उसके पापा से कम ज़मीने हैं उनके पास। कमल ने बताया कि वह महा विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम और 26 जनवरी पर भी आये थे। अंजुरी नहीं समझ सकी कि यह बात कितनी गंभीर है ,लेकिन कमल भलीभांति जानता था कि यह बात बहुत बहुत गंभीर थी ---क्रमशः ------
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