मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

मेरी फ़ोटो
I love writing,and want people to read me ! I some times share good posts for readers.

शुक्रवार, 6 मार्च 2020

Halahal Se : By Nirupama Sinha !! Vikshobh !!{ Triteeya} Antim !!

विक्षोभ--------
परिवर्तन की इक आंधी,
ले आई बदलाव कई,
ढंग बदल गया जीवन का,
और बदल गई दुनिया सारी।
कल तक थी खूंटे की गाय,
इस खूंटे से उस खूंटे पर,
बाँधी जाती थी बिन मर्जी,
बेटियां हर घर की कुंवारी।
जींस पेंट ,शॉर्ट्स ओर टॉप,
परिधानों के ये परिवर्तन,
आजादी की बयार ले आई,
जो पहले पहने थी सारी।
अशिक्षा के अन्धकार से निकली,
हुई प्रकाशित शिक्षा से,
पढ़ लिख कर जागृत हुई,
खड़ी पुरुष की बराबरी।
अग्रिम पंक्ति में भी होती,
इसकी गणना और गुणगान,
ध्यान लगन एकाग्रचित्त से,
इसकी प्रतिभा गई निखारी।
स्वाभिमान और स्वावलंब सह,
आई कई बुराइयां ,
बना दिया स्वच्छंद समाज ने,
नारी को स्वेच्छाचारी।
उछ्रन्कलता  बढ़ी,उसी दर,
बढ़ने लगे तलाक यहाँ,
सौहार्द्र बन गया वैमनस्य,
रिश्ते बांध गए धन की डोरी।
जिस धन से यह हुआ विकास,
हुआ प्रकाशित यह समाज,
परिलक्षित भी हुई बुराई,
लाई जो धन और अमीरी।
कार्य कुशलता से निपटती,
अपने सगरे काज यही,
छोटी सी कार्यकर्ता हो,
या नारी सत्ता धारी।
कर पायें ना इसका वर्णन,
अक्षर,शब्द,और व्याक्य विशेष,
भले ना करो महीमामंडन ,
सही स्थान ,पाए सन्नारी।
-------------------------------------------------------निरंतर{कंटीन्यू}

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Dharavahik crime thriller (146) Apradh !!

When Nikita  saw Nirmal she became extremely happy .She hugged him and then just after one second kept Herself  away from him.She was missin...

Grandma Stories Detective Dora},Dharm & Darshan,Today's Tip !!