मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

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रविवार, 26 दिसंबर 2021

Ek Bhavpoorn Kavita !!

 

मेरे हिस्से का...

 

वो जाना चाहता था

और मैने भी नही रोका

वो अपने हिस्से का

बहुत-कुछ साथ ले गया

मैंने अपने हिस्से का

थोड़ा-बहुत रख लिया

 

वो जाते-जाते ले गया 

अपनी सारी बातें,

मैने उसकी

खामोशियाँ रख ली।

 

वो जाते-जाते ले गया

अपनी बेपरवाह हँसी,

मैने पलकों की

नमी रख ली।

 

वो जाते-जाते ले गया

अपनी सारी यादें,

मैने उनकी

महक रख ली।

 

वो जाते-जाते ले गया

दिन-रात का चैन,

मैने सारी 

बेचैनियाँ रख ली।

 

वो जाते-जाते ले गया

हमारे बीच का प्यार,

मैने हमारी

लड़ाइयाँ रख लीं।

 

वो जाते-जाते ले गया

खिड़की से झाँकती हुई धूप,

मैने रात की

परछाइयाँ रख ली।

 

आज भी मेरे बचे-कुचे

हिस्से में वो पूरा है,

लेकिन उसके पूरे हिस्से में

मैं कतरा भर नहीं।

 

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