श्रीमद् भगवत गीता जिसे अक्सर भगवान का गीत भी कहा गया है, हिन्दू महाकाव्य महाभारत का सबसे महत्वपूर्ण भाग है । इसमें 18अध्याय और लगभग 700 छंद हैं।यह महाभारत के छठे भाग, जिसे भीष्म पर्व कहा जाता है ,का भाग है। कुरुक्षेत्र में अर्जुन को मोह,भ्रम से उबारने के लिए श्री कृष्ण ने गीता उपदेशित किया था।यह योग, धर्म, कर्तव्य की सर्वश्रेष्ठ निर्देशिका है।
श्रीमद् भागवत 18 पुराणों में से 5वां प्रमुख पुराण है। इसे सारे वेदों का सार भी माना जाता है। इसमें 335 अध्यायों में 18000श्लोक हैं। इसमें श्रीकृष्ण सभी अवतारों की कहानी है।
ऐसी मान्यता है कि सात दिनों में इसके परायण से सभी जन्मो के पाप और शाप नष्ट हो जाते हैं।इसके भी रचयिता वेदव्यास हैं।
उनके पुत्र शुकदेव जी ने द्वापर के अंतिम राजा परीक्षित को, जिसे श्रृंगीऋषि ने सात दिनों के भीतर मरने का शाप दिया था, भागवत कथा श्रवण करा कर बचाया था।
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