*आप सभी को नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं*
नागचंद्रेश्वर मन्दिर
*ज्योतिर्लिंग की सीरीज में महाकालेश्वर मन्दिर के लेख में इसकी तीसरी मंजिल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मन्दिर का जिक्र किया गया था जिसका वर्णन निम्न प्रकार है*
प्रत्येक वर्ष नाग पंचमी पर साल में सिर्फ एक बार खुलता है। नाग देवता के इस मंदिर के बारे में जो साल में सिर्फ एक बार खुलता है श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा।
सनातन धर्म में इस दिन भगवान शिव जी के साथ सर्पों की पूजा का विधान है। *हिंदू धर्म में नाग पूजनीय हैं नागदेव भगवान शिव के गले में विराजते हैं तो शेषनाग पर भगवान विष्णु शयन करते हैं*
नागचंद्रेश्वर मंदिर की कुछ अन्य जानकारी
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर मंदिर है।जिसकी तीसरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर मन्दिर स्थापित है
नागचंद्रेश्वर मंदिर के भक्तों के लिए वर्ष में केवल नागपंचमी के दिन 24 घंटे के लिए खोले जाते है।
इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में करवाया गया था यहां फन फैलाए नाग की एक अद्भुत प्रतिमा है। जिस पर शिवजी और मां पार्वती बैठे हैं, मान्यता है कि यहां नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में वास करते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नाग देव की ये प्रतिमा वर्तमान नेपाल से यहां लाई गई थी जो पूरे विश्व में अद्वितीय है
कपाट बंद रहने का कारण
वहां के आचार्य जी के अनुसार और मान्यता है कि सर्पराज तक्षक ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तप किया था, तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया। उसके बाद से तक्षक राजा ने भोलेनाथ की शरण में वास करने लगे, नागराज की महाकाल वन में वास करने से पूर्व मंशा थी कि उनके एकांत में विघ्न ना हो, यही वजह है कि इस मंदिर के पट सिर्फ वर्ष में एक बार खुल5सतत3ते हैं, शेष समय उनके सम्मान में परंपरा के अनुसार कपाट बंद रहते है।
यहां पर नाग पंचमी को दर्शन व अपने कष्टों से मुक्ति पाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते है।
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