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सोमवार, 6 नवंबर 2023

Dharawahik Upanyas !! Anpekshit !! (.664 )

 यह एक सिंधी परिवार का वन बीएचके फ़्लैट था जो कि कुल ग्यारह फ़्लैट्स की एक मल्टी का ग्राउंड फ़्लोर था । उनका पाँच का परिवार बीस वर्षों तक उस घर में रहा । सड़क के पार ही एक प्ले स्कूल था जिसे माँ और दोनो युवा बेटियाँ ही चलातीं थीं , उन्होंने कोई अन्य टीचर नही रखी हुई थी । मात्र दो हेल्पर्स की सहायता से वे कार्य करतीं थीं । उनका एक बेटा विदेश में कार्यरत था तथा पति सामाजिक कार्य करता था । काफ़ी सारे सामानों के साथ घर बेचा गया था । उनके बेटे द्वारा विदेश से भेजे गए रुपयों से उन्होंने पास ही में एक तीन बेडरूम का मकान ख़रीद लिया था ।एडवांस के पश्चात भी काफ़ी राशि क़ानूनी दस्तावेज के अनुसार सुबीर ने भेज दी थी किंतु चूँकि उनका स्कूल सड़क पार था तथा जून में नए एडमिशन होते हैं उन्होंने अनुययकी कि उन्हें जून में रहने दिया जाय । सुबीर व नीलांजना ने बात मान ली किंतु बाद में वे जुलाई भी रह गए और मिड जुलाई में कहने लगे कि उन्हें वहीं रहने दिया जाय तथा वाजिब किराया ले लिया जाय यह बात सुबीर एवं नीलांजना को नागवार गुज़री तथा उन्होंने कुछ नाराज़ हो कर ही कहा कि उन्होंने रहने के लिए घर ख़रीदा है अतः अब ख़ाली किया जाय अंततः आठ अगस्त को रजिस्ट्री होने के बाद नवग्रह पूजा सत्यनारायण पूजा की गई सभी परिवार के लोग एकत्रित  हुए थे तथा इस प्रकार नीलांजना और सुबीर पिछले अडतीस वर्षों के महानगर के निवास को छोड़ कर इस छोटे से प्यारे से घर में रहने के लिए आ गए । लगभग एक माह वे बिना फ़्रिज tv माइक्रोवेव इत्यादि सामानों के रहे तथा अपने अनुकूल घर में कई बदलाव करवाते रहे तथा फिर महानगर गए अपने सामानो को लाने के लिए ।

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