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शनिवार, 11 मई 2024

Harishankar parsai’s Kataksh !!

 *एक  प्रसंगवश  मुझे  प्रसिद्ध  व्यंग्यकार  हरिशंकर  परसाई  जी  की  कुछ  रोचक  पंक्तिया  याद   आई.....*

           उनके व्यंग्य की धार ऐसी,,  

कि.... समय बीतने के साथ 

और तीखी होती जाती है....  


उनके अलग-अलग व्यंग्य लेखों से 

20 लाइनें आपके समक्ष हैं,, 


मिर्ची से भी तीखी लग सकती है.... 

हरिशंकर जी  का  टी-20..

     *1_*  

बेटो को ईमानदार पिता निकम्मा लगता है !


*2_*  

दिवस कमजोरो का मनाया जाता है__  

जैसे हिंदी दिवस,, महिला दिवस,, 

अध्यापक दिवस,,  मजदूर दिवस । 


लेकिन  कभी  भी 

*थानेदार दिवस* नहीं मनाया जाता !


*3_*  

व्यस्त आदमी को अपना काम करने में 

जितनी अक्ल की जरूरत पड़ती है,,  


उससे ज्यादा अक्ल बेकार आदमी को 

समय काटने में लगती है !


*4_*  

जिनकी हैसियत है,, 

वे एक से भी ज्यादा बाप रखते हैं__ 


एक घर में,, 

एक दफ्तर में,, 

एक-दो बाजार में,, 

एक-एक हर राजनीतिक दल में !


*5_* 

आत्मविश्वास कई प्रकार का होता है__  

धन का,,  बल का,,  ज्ञान का ! 


लेकिन मूर्खता का 

आत्मविश्वास सर्वोपरि होता है !


*6_*  

सबसे निरर्थक आंदोलन भ्रष्टाचार के 

विरोध का आंदोलन होता है,, 


एक प्रकार का यह मनोरंजन है,,  


जो राजनीतिक पार्टी कभी-कभी खेल लेती है_  

जैसे फुटबाल का मैच !


*7_*  

रोज विधानसभा के बाहर एक बोर्ड पर  

""आज का बाजार भाव""  लिखा रहे !  


साथ ही उन विधायकों की 

सूची चिपकी रहे,, 

जो बिकने को तैयार हैं ! 


इससे खरीददार को भी 

सुविधा होगी,, और माल को भी !


*8_*  

हमारे लोकतंत्र की यह ट्रेजेडी,, 

कॉमेडी या खूबसूरती है,,  


कि कई लोग जिन्हें आजीवन 

जेलखाने में रहना चाहिए,,  


वे जिन्दगी भर संसद या 

विधानसभा में बैठते हैं !


*9_*  

विचार जब लुप्त हो जाता है,,  

या विचार प्रकट करने में बाधा होती है,,

या किसी के विरोध से भय लगने लगता है,, 


तब तर्क का स्थान 

हुल्लड़ या गुंडागर्दी ले लेती है !


*10_*  

धन उधार देकर समाज का 

शोषण करने वाले धनपति को जिस दिन 

"" महाजन ""  कहा गया होगा,, 


उस दिन ही मनुष्यता की हार हो गई !


*11_*  

हम मानसिक रूप से 

"" दोगले नहीं_   तिगले "" हैं ! 


संस्कारों से सामन्तवादी हैं,, 

जीवन मूल्य अर्द्ध-पूंजीवादी हैं,, 

और बातें समाजवाद की करते हैं !


*12_*  

फासिस्ट संगठन की विशेषता होती है,,  

कि दिमाग सिर्फ नेता के पास होता है,, 

बाकी के सब कार्यकर्ताओं के पास 

सिर्फ शरीर होता है !


*13_*  

बेइज्जती में अगर 

दूसरे को भी शामिल कर लो,,  


तो आधी इज्जत बच जाती है !


*14_*  

दुनिया में भाषा,, 

अभिव्यक्ति के काम आती है । 


इस देश में जातियो को 

बाटने के काम आती है।


*15_*  

जब शर्म की बात गर्व,,  

की बात बन जाए,,  


तब समझो,, कि... 

जनतंत्र बढिय़ा चल रहा है !


*16_*  

जो ङाक्टर पानी छानकर पीते हैं,, 

वो आदमी का खून बिना छाने पी जाते हैं।


*17_*  

सोचना एक रोग है,, 

जो इस रोग से मुक्त हैं,, 


और स्वस्थ हैं,,  

वे धन्य हैं !


*18_*  

हीनता के रोग में किसी के 

अहित का इंजेक्शन बड़ा कारगर होता है।


*19_*  

नारी-मुक्ति  के इतिहास में 

यह वाक्य अमर रहेगा,,  कि... 


'‘एक की कमाई से पूरा नहीं पड़ता ’'


*20_*  

एक बार  कोर्ट - कचहरी 

चढ़ जाने के बाद सबसे बड़ा काम है_ 


*अपने  ही  वकील  से,,*  

*अपनी  रक्षा  करना !!* 


      

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