इससाल 17 जुलाई 2024 यानि आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से चातुर्मास का प्रारंभ होगा जो कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष की एकादशी को समाप्त होगी।
ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु चार माह के अवकाश के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं इसलिए इस एकादशी को देवशयनी या हरिशयनी या पद्मनाभ एकादशी कहते हैं ।इन चारों महीने में सृष्टि का संचालन देवाधिदेव महादेव के द्वारा किया जाता है।
इस एकादशी के लिए कुछ कथाएं भी जैसे पद्मपुराण के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान विष्णु राजा बलि को दिए वचन को निभाने के लिए हर वर्ष चार महीने के लिए पाताल लोक में वास करते हैं।
वामनावतार के समय भगवान विष्णु ने बलि का अहंकार तोड़ने के लिए चार पग में उसका सबकुछ ले लिया थाऔर उसे पाताल पहूंचा दिया था।जिसे दानप्रिय बलि ने सहर्ष स्वीकार किया था।
बलि के दानशीलता और भक्ति से अति प्रसन्न भगवान ने उससे वर मांगने को कहा।
बलि ने मांगा "प्रभु,! आप यही पाताल में मेरे पास वास करें!"
वचनबद्ध भगवान ने ऐसा ही किया।
फिर देवी लक्ष्मी ने अपने प्रयास से बलि को वचन वृद्ध कर भगवान विष्णु को वापस लाई। मगर भगवान विष्णु ने राजा बलि को वचन दिया कि वो हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चार माह पाताल में रहेंगे।
एक अन्य कथा के अनुसार असुर शंखचूड़ को ध्वंस करने के लिए अपनी समस्त शक्तियों को एकत्रित और संरक्षित करने के लिए देवताओं के अनुरोध पर इसी दिन चार माह के शयन पर गये।
इन चार माह में सभी शुभ कार्य वर्जित माना गया है।
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