संदर्भ ग्रंथ-श्री वासुदेवानंद सरस्वति गुरुमूर्ति चरित्र
विवाह के प्रकार ÷
1) सालंकृत ÷ अलंकार सहित,यज्ञकर्म के अनुसार कन्यादान।
2) आर्ष विवाह ÷ गाय जोडी लेकर कन्या देना
3) प्राजापत्य ÷ वर वधू एक दूसरे कि पसंद से विवाह कर धर्माचरण से रहे ये प्राजापत्य विवाह (वर्तमान का प्रेम विवाह)
4)असुर ÷ धन लेकर कन्या देना,ये असुर विवाह (आदिवासीयो मे ये प्रथा है)
5) गांधर्व ÷ स्री पुरूष एक दूसरे को स्वीकार कर ले (वर्तमान का लिव इन)
6)राक्षस ÷ युध्द करके कन्या का हरण कर लेना
7)पैशाच्य ÷ असावधान या निद्रीस्त का हरण कर बल पूर्वक विवाह कर लेना।
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