नज़दीक जाओ किसी के ,
तो दुरदुराती है,
स्नेह करो तो दुत्कारती है
पुचकारो तो लतियाती है
कुछ ना बोलो तो फुसफुसाती है
बोलो तो लताड़ती है
अपने गम पी जाओ
तो भी गुस्साती है
हर हाल में कमी निकालती है
इसीलिए दुनिया पराई ही कहलाती है !
तो दुरदुराती है,
स्नेह करो तो दुत्कारती है
पुचकारो तो लतियाती है
कुछ ना बोलो तो फुसफुसाती है
बोलो तो लताड़ती है
अपने गम पी जाओ
तो भी गुस्साती है
हर हाल में कमी निकालती है
इसीलिए दुनिया पराई ही कहलाती है !
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