शालीन श्रेष्ठ होता है व श्रेष्ठ शालीन —-सिसरो
पूरी तरह भले दो ही व्यक्ति हैं एक जो मर गया और दूसरा जो अभी जन्मा ही नहीं —एक चीनी कहावत
अंतर्मन के दरवाजे खिड़कियां और रोशनदान खोलो और देखो उसमे क्या है ,वहां शायद घृणा अविश्वास एवं मिथ्याभिमान की परत जमी हो और तुम्हारा व्यक्तित्व ,खंडित ,कुंठित ,संत्रस्त सा घूमता हो ,भविष्य की तलाश में ,भविष्य तो मुट्ठी में समां सकता है यदि तुम मन के दरवाजे खिड़कियां रोशनदान खुले रखो ताजी हवा रोशनी आने के लिए और यह विश्वास रखो कि हर यात्रा तुमसे आरम्भ हो तुमसे ही समाप्त होगी और यह कि तुम उस यात्रा के एक अध्याय हो केवल।
दरिद्र व्यक्ति कुछ विलासी बहुत व लालची वस्तुएं चाहता है
जो बेगरज है उसे तलवार भी काट नहीं सकती —-मौलाना आज़ाद
व्यक्ति ईश्वर का निहित अर्थ है और ईश्वर व्यक्ति का अभिव्यक्त रूप —स्वामी विवेकानंद
मेहनत से शरीर मजबूत होता है और कठिनाइयों से मन हमें मधुमक्खियों की तरह मेहनत को अपना मनोरंजन बना लेना चाहिए —गोल्ड स्मिथ
हम संसार को गलत पढ़ते हैं और फिर कहते हैं उसने हमें धोखा दिया —टैगोर
हम संसार में तभी रहते हैं जब हम इसे प्यार करते हैं —टैगोर
जीवन बीमा —आपकी सेवा करने वाली ऐसी महँगी संस्था जो जीवन भर आपको गरीब रखती है ताकि मरने के बाद आप अमीर बन सकें
पागल —वह व्यक्ति जिसका राज खुल गया हो
विद्वान —वह व्यक्ति जिसे स्वयं अपनी रोजी कमाने की तमीज न हो
संसार —-वह स्थान जहाँ कोई भी प्राणी सुख से न रह सकता हो
भ्रष्टाचार—-कर्मचारी चाय पिए तो रिश्वत और मंत्री रसगुल्ले खाए तो स्वागत
पागल —वह व्यक्ति जिसका राज खुल गया हो
विद्वान —वह व्यक्ति जिसे स्वयं अपनी रोजी कमाने की तमीज न हो
संसार —-वह स्थान जहाँ कोई भी प्राणी सुख से न रह सकता हो
भ्रष्टाचार—-कर्मचारी चाय पिए तो रिश्वत और मंत्री रसगुल्ले खाए तो स्वागत
बर्र सोचती है —पड़ोसिन मधुमक्खियों का छत्ता बहुत छोटा है
मधुमक्खियां कहती है —तुम इससे भी छोटा शहद का छत्ता बना कर दिखाओ तो सही —टैगोर
मधुमक्खियां कहती है —तुम इससे भी छोटा शहद का छत्ता बना कर दिखाओ तो सही —टैगोर
पहले हम धूल उड़ाते हैं फिर कहते हैं हमें दिखाई नहीं पड़ता —बर्कले
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