दर्शन ,दार्शनिकता --दर्शन का उद्देश्य जीवन की व्याख्या करना नहीं उसे बदलना है
जब ज़िन्दगी को अपने दिल के गीत सुनाने के लिए गायक नहीं मिलता तो तो वह अपने विचार सुनाने के लिए दार्शनिक उत्पन्न करती है --खलील जिब्रान
दार्शनिक होने का अर्थ केवल सूक्ष्म विचारक होना नहीं या केवल दर्शन प्रणाली चला देना नहीं बल्कि हम ज्ञान के ऐसे प्रेमी बन जाए जिसके इशारे पर चलते हुए विश्वास सादगी स्वतंत्रता और उदारता का जीवन व्यतीत करने लगे --थोरो
दान -- सैंकड़ों हाथों से इकट्ठा करो और हज़ार हाथो से बांटों --अथर्व वेद
सज्जनो की रीती है यदि कोई कुछ मांगे तो मुंह से कुछ न कह कर वो कान कर दें --कालिदास
तुम्हारा दायां हाथ जो देता है वो बांयां हाथ भी न जाने --बाइबिल
दान देकर तुम्हे खुश होना चाहिए क्योंकि मुसीबत दान की दीवार कभी नहीं फांदती
जो भाग्यवान है वह दानशीलता अपनाता है और दानशीलता से ही आदमी भाग्यवान होता है --शेख सादी
अधिक नहीं दे सकते तो अपने निवाले में से ही आधा क्यों नहीं दे देते --जैन पंचतंत्र
सबसे उत्तम दान यह है की आदमी को इस योग्य बना दो की वह दान के बिना काम चला सके --तालमुद
दुर्बलता --स्वयं को भेद बना लोगे तो तुम्हे भेड़िये खा जायेंगे ---जर्मन कहावत
मन की दुर्बलता से अधिक भयंकर पाप कोई नहीं --विवेकानंद
दुर्बल को न सताइये ,जाकी मोटी हाय
मुई खाल की सांस सों ,सार भसम होइ जाय --कबीर
दुर्भावना ---दुर्भावना को मैं मनुष्यत्व का कलंक मानता हूँ --गाँधी
दुर्भावना अपने विष का आधा भाग स्वयं पीती है --सैनेका
आदमी की दुर्भावना उसके दुश्मन के बजाय उसे ही अधिक दुःख देती है --चार्ल्स बक्सटन
दुर्वचन --दुर्वचन पशुओं तक को अप्रिय लगते हैं --बुद्ध
दुर्वचन कहने वाला तिरस्कृत नहीं करता बल्कि दुर्वचन के प्रति हृदय में उठी हुई भावना तिरस्कार करती है --एपिक्टेटस
दुर्वचन का सामना हमें सहनशीलता से करनी चाहिए --गाँधी
जब ज़िन्दगी को अपने दिल के गीत सुनाने के लिए गायक नहीं मिलता तो तो वह अपने विचार सुनाने के लिए दार्शनिक उत्पन्न करती है --खलील जिब्रान
दार्शनिक होने का अर्थ केवल सूक्ष्म विचारक होना नहीं या केवल दर्शन प्रणाली चला देना नहीं बल्कि हम ज्ञान के ऐसे प्रेमी बन जाए जिसके इशारे पर चलते हुए विश्वास सादगी स्वतंत्रता और उदारता का जीवन व्यतीत करने लगे --थोरो
दान -- सैंकड़ों हाथों से इकट्ठा करो और हज़ार हाथो से बांटों --अथर्व वेद
सज्जनो की रीती है यदि कोई कुछ मांगे तो मुंह से कुछ न कह कर वो कान कर दें --कालिदास
तुम्हारा दायां हाथ जो देता है वो बांयां हाथ भी न जाने --बाइबिल
दान देकर तुम्हे खुश होना चाहिए क्योंकि मुसीबत दान की दीवार कभी नहीं फांदती
जो भाग्यवान है वह दानशीलता अपनाता है और दानशीलता से ही आदमी भाग्यवान होता है --शेख सादी
अधिक नहीं दे सकते तो अपने निवाले में से ही आधा क्यों नहीं दे देते --जैन पंचतंत्र
सबसे उत्तम दान यह है की आदमी को इस योग्य बना दो की वह दान के बिना काम चला सके --तालमुद
दुर्बलता --स्वयं को भेद बना लोगे तो तुम्हे भेड़िये खा जायेंगे ---जर्मन कहावत
मन की दुर्बलता से अधिक भयंकर पाप कोई नहीं --विवेकानंद
दुर्बल को न सताइये ,जाकी मोटी हाय
मुई खाल की सांस सों ,सार भसम होइ जाय --कबीर
दुर्भावना ---दुर्भावना को मैं मनुष्यत्व का कलंक मानता हूँ --गाँधी
दुर्भावना अपने विष का आधा भाग स्वयं पीती है --सैनेका
आदमी की दुर्भावना उसके दुश्मन के बजाय उसे ही अधिक दुःख देती है --चार्ल्स बक्सटन
दुर्वचन --दुर्वचन पशुओं तक को अप्रिय लगते हैं --बुद्ध
दुर्वचन कहने वाला तिरस्कृत नहीं करता बल्कि दुर्वचन के प्रति हृदय में उठी हुई भावना तिरस्कार करती है --एपिक्टेटस
दुर्वचन का सामना हमें सहनशीलता से करनी चाहिए --गाँधी
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