दूर बहुत दूर हो तो ,
लुभाता है शरारा
दामन से लिपट जाए तो
जलाता है शरारा
ख़ुशी जब हो तो ,
जगमगाता है शरारा ,
गुस्से में आँखें ,
उगलती हैं शरारा ,
ग़मों की आग लेकिन
बुझा देतीं हैं शरारा
हो जश्न का माहौल तो
आतिश बाज़ी का शरारा
अपनी पर आ जाए तो
तबाही है शरारा
कितने रूप कितने रंग हैं
बस एक छोटा सा है शरारा !!
शरारा : चिंगारी ,तबाही : बर्बाद
लुभाता है शरारा
दामन से लिपट जाए तो
जलाता है शरारा
ख़ुशी जब हो तो ,
जगमगाता है शरारा ,
गुस्से में आँखें ,
उगलती हैं शरारा ,
ग़मों की आग लेकिन
बुझा देतीं हैं शरारा
हो जश्न का माहौल तो
आतिश बाज़ी का शरारा
अपनी पर आ जाए तो
तबाही है शरारा
कितने रूप कितने रंग हैं
बस एक छोटा सा है शरारा !!
शरारा : चिंगारी ,तबाही : बर्बाद
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