सातवें आसमान पर जा पहुंचा है
क्यों आक्रोश तुम्हारा चाचू
आग बरसा रहे हो इतनी
देश में हर ओर चाचू
पचास के भी पार
पारा जा पहुंचा तुम्हारा चाचू
इतना तो कभी नहीं देखा था
तुमको यूँ नाराज़ चाचू
चाहे हो हम सब इंसान
या हो पौधे पक्षी या पशु
त्राही त्राही कर उठ्ठा है
हर जीवन हर सांस चाचू
गरम हवा के पड़े थपेड़े
कहर ढा रही देखो लू
खुले आसमा के नीचे
रहने को जो हैं जीव बड़े मज़बूर
आँखे उनकी आसमान में
बादल का टुकड़ा रही हैं ढूंढ
कब आएगा कब आएगा
राह भटका हुआ मानसून
इतना गुस्सा ठीक नहीं है
बढ़ जाएगा ब्लड प्रेशर
calm down ! calm down !
हो जाओ अच्छे चाचू !
क्यों आक्रोश तुम्हारा चाचू
आग बरसा रहे हो इतनी
देश में हर ओर चाचू
पचास के भी पार
पारा जा पहुंचा तुम्हारा चाचू
इतना तो कभी नहीं देखा था
तुमको यूँ नाराज़ चाचू
चाहे हो हम सब इंसान
या हो पौधे पक्षी या पशु
त्राही त्राही कर उठ्ठा है
हर जीवन हर सांस चाचू
गरम हवा के पड़े थपेड़े
कहर ढा रही देखो लू
खुले आसमा के नीचे
रहने को जो हैं जीव बड़े मज़बूर
आँखे उनकी आसमान में
बादल का टुकड़ा रही हैं ढूंढ
कब आएगा कब आएगा
राह भटका हुआ मानसून
इतना गुस्सा ठीक नहीं है
बढ़ जाएगा ब्लड प्रेशर
calm down ! calm down !
हो जाओ अच्छे चाचू !
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