नागरिकता कानून !!
कहा जाता है "मेहमान पहले दिन भगवान ,दूसरे दिन इंसान और तीसरे दिन शैतान "लगने लगता है। मुझे बचपन में आश्चर्य होता था की विदेश में एक दिन भी वीसा अवधि से अधिक कोई रह नहीं सकता और क्यों हमारे देश की सभी सीमायें खुली हैं। जिसे मर्जी आ जाये ,जितने दिन मर्जी हो रहे ,वैसे ज्यादातर यहाँ आकर यहीं बस गए। इतिहास चूँकि मेरा विषय था मैंने शक ,हुंण, 712 में प्रथम मुस्लिम इल्तुतमिश और सल्तनत काल ,फिर मुगलों का लम्बा सिलसिला ,डच ,पुर्तगाली, फ्रेंच { उनकी बसाई कॉलोनी तो कोलकाता में भारत की आज़ादी के बाद आज़ाद हुई। अंग्रेज़ों का दो सौ साल का लम्बा इतिहास,और स्वराज पाने का लम्बा और कठोर संघर्ष,इसमें कितने प्राणों की आहुति दी उसकी कोई गणना ही नहीं की जा सकती। TWO NATION THEORY की खिचड़ी किस तरह और क्यूँकर पकी, हमने तो बचपन में यही सुना था,जवाहरलाल और जिन्ना दोनों पी एम बनना चाहते थे ,लिहाज़ा देश के दो टुकड़े कर दिए गए ,हिंदुस्तान और पाकिस्तान ,बस एक लकीर खींच दी गई ,और वह भी उस शख्स द्वारा जिसने कभी हिंदुस्तान देखा भी न था। जो उस ओर हिन्दू थे उन्हें सुबह उठ कर पता चला कि ,ये पाकिस्तान है,एक करोड़ की तादाद में लोग उधर के इधर और इधर के उधर हुए और ये सफर कितना कातिलाना वहशियाना था,की उस ओर से आने वाली ट्रेनों के सारे डिब्बे लाशों से भरे आ रहे थे ,धन संपत्ति तो हथियाई ही गई ,औरतो के बलात्कार हुए जो गिने भी नहीं जा सकते थे ,उसके बाद कबाइलियों का युद्ध 1947 की कड़वी याद है जिसने कश्मीर का एक हिस्सा जिसे हम पाक अधिकृत कश्मीर कहते हैं पाकिस्तान ने हथिया लिया,यह दूसरा ज़ख्म था,और 1990 में बाकायदा एलान करके कश्मीरी पड़ितों को हकाल दिया गया ,पाकिस्तान में भी बंटवारे के समय के 24 प्रतिशत में मात्र एक डेढ़ प्रतिशत अपना धर्म बचा पाए ,आये दिन वहां हिन्दू कन्याओं का अगवा होता है ,निकाह पढ़वा कर धर्मान्तरण करा दिया जाता है ,ऐसे ही विस्थापितों { जिनमे हिन्दू सिख इसाईं बौद्ध सम्मिलित हैं } को भारत की नागरिकता देने के कानून का नाम है CAA !! मुझे समझ में नहीं आता ,इसके विरोध करने वालों का मंतव्य क्या है ?
कहा जाता है "मेहमान पहले दिन भगवान ,दूसरे दिन इंसान और तीसरे दिन शैतान "लगने लगता है। मुझे बचपन में आश्चर्य होता था की विदेश में एक दिन भी वीसा अवधि से अधिक कोई रह नहीं सकता और क्यों हमारे देश की सभी सीमायें खुली हैं। जिसे मर्जी आ जाये ,जितने दिन मर्जी हो रहे ,वैसे ज्यादातर यहाँ आकर यहीं बस गए। इतिहास चूँकि मेरा विषय था मैंने शक ,हुंण, 712 में प्रथम मुस्लिम इल्तुतमिश और सल्तनत काल ,फिर मुगलों का लम्बा सिलसिला ,डच ,पुर्तगाली, फ्रेंच { उनकी बसाई कॉलोनी तो कोलकाता में भारत की आज़ादी के बाद आज़ाद हुई। अंग्रेज़ों का दो सौ साल का लम्बा इतिहास,और स्वराज पाने का लम्बा और कठोर संघर्ष,इसमें कितने प्राणों की आहुति दी उसकी कोई गणना ही नहीं की जा सकती। TWO NATION THEORY की खिचड़ी किस तरह और क्यूँकर पकी, हमने तो बचपन में यही सुना था,जवाहरलाल और जिन्ना दोनों पी एम बनना चाहते थे ,लिहाज़ा देश के दो टुकड़े कर दिए गए ,हिंदुस्तान और पाकिस्तान ,बस एक लकीर खींच दी गई ,और वह भी उस शख्स द्वारा जिसने कभी हिंदुस्तान देखा भी न था। जो उस ओर हिन्दू थे उन्हें सुबह उठ कर पता चला कि ,ये पाकिस्तान है,एक करोड़ की तादाद में लोग उधर के इधर और इधर के उधर हुए और ये सफर कितना कातिलाना वहशियाना था,की उस ओर से आने वाली ट्रेनों के सारे डिब्बे लाशों से भरे आ रहे थे ,धन संपत्ति तो हथियाई ही गई ,औरतो के बलात्कार हुए जो गिने भी नहीं जा सकते थे ,उसके बाद कबाइलियों का युद्ध 1947 की कड़वी याद है जिसने कश्मीर का एक हिस्सा जिसे हम पाक अधिकृत कश्मीर कहते हैं पाकिस्तान ने हथिया लिया,यह दूसरा ज़ख्म था,और 1990 में बाकायदा एलान करके कश्मीरी पड़ितों को हकाल दिया गया ,पाकिस्तान में भी बंटवारे के समय के 24 प्रतिशत में मात्र एक डेढ़ प्रतिशत अपना धर्म बचा पाए ,आये दिन वहां हिन्दू कन्याओं का अगवा होता है ,निकाह पढ़वा कर धर्मान्तरण करा दिया जाता है ,ऐसे ही विस्थापितों { जिनमे हिन्दू सिख इसाईं बौद्ध सम्मिलित हैं } को भारत की नागरिकता देने के कानून का नाम है CAA !! मुझे समझ में नहीं आता ,इसके विरोध करने वालों का मंतव्य क्या है ?
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