मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

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बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

Dharavahik Upanyas--Anhoni---{13}

अंजुरी महाविद्यालय पहुँच कर सीधे सिंधु वर्गीस मैडम से मिलने स्टाफ रूम की तरफ चल दी।  उसे अपना परिचय  देने की आवश्यकता नहीं पड़ी। पूरा क़स्बा ही उसे बतौर तहसीलदार की बेटी के रूप में जानता था।  अंजुरी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने की अपनी इच्छा प्रकट की ,उसने यह भी बताया कि वह बचपन से ही स्कूल में इसतरह के कार्यक्रमों में प्रतिभागी होती रही थी। 
सिंधु मैडम ने पूछा ,"क्या तुम नाटक कर पाओगी ? अंजुरी बोली ," जी मैडम मैंने  नृत्य और छोटी छोटी नाटिकाओं और बड़े नाटकों में भी भाग लिया है , मैं कर लूंगी। " सिंधु मैडम ने उसका नाम भी लिख लिया और उसे कॉलेज के बाद असेंबली हॉल में मिलने को कहा " अंजुरी तुरंत वहां से निकल गई।  वह बहुत खुश थी।  उसकी अन्य सहेलियां भी कॉलेज अहाते में उसकी प्रतीक्षा कर रही थी. प्रभा राजोरिया ,सुषमा सुराणा ,मनीषा गौड़,दीपा राठौर,अंजुरी सभी से हिलमिल गई थी और सभी उसका  पूरा सम्मान करती थी। वे सभी सिंधु मैडम के पास अपने नाम पहले ही लिखवा चुकी थी। यह एक मुश्किल काम था ,सिंधु मैडम  व्यक्तिगत रूप से उनके माता पिताओं को आश्वस्त करना पड़ा था। उससे पहले तक सभी कन्या विद्यालय में पढ़ा करती थी और नृत्य गान में भाग लिया करतीं थी। 
दो पीरियड्स के बाद एक पीरियड ऑफ था और सभी लड़के लड़कियां जिनके फ्री पीरियड हुआ करता अक्सर या तो महाविद्यालय के अहाते में या फिर एक छोटे से  कैंटीन में बैठा करते थे। सभी सहेलियां अहाते में बड़े से नीम के पेड़ के नीचे बैठ कर लंच किया करती थी जब भी या तो एक्स्ट्रा क्लासेज करनी होतीं या सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रिहर्सल करनी होती। 
आज भी सबको रुकना था ,अतः इस फ्री पीरियड में सबने लंच कर लिया। सबकी हंसी ठिठोली में मुख्य विषय लड़के ही हुआ करते थे। विज्ञानं के लिए प्रयोगशाला सेट करना आवश्यक था और अभी तक वह कार्यवाही पूरी नहीं हो पायी थी ,हालाँकि स्थान की उपलब्धता थी ,किन्तु आरम्भ में कला संकाय ही प्रारम्भ किया गया था। कला संकाय में हिंदी,अंग्रेजी,अर्थशास्त्र,राजनीतिशास्त्र,मनोविज्ञान ,दर्शनशास्त्र ,समाजशास्त्र विषय थे,और स्नातक कोर्स में चार विषय लेना अनिवार्य था और अधिकाँश छात्र छात्राओं के विषय एक से थे।  अंजुरी और कमलेश्वर के भी एक से ही थे और इसीलिए प्राचार्य ने अंजुरी को कमलेश्वर से नोट्स लेने की सलाह दी थी ---क्रमशः 

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