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मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

Dharavahik Upanyas--Anhoni---{31}

दूसरे दिन सभी के पास कार्यक्रम के बारे में की  बातों का ढेर था। प्राध्यापक  वर्ग भी बचे हुए कार्य निपटा देना चाह रहे थे और किसी भी पीरियड में पढाई नहीं हो रही थी। सिंधु मैडम ने अंजुरी को बुलवाया था और उसे कहा कि सभी लड़कियों को बुला कर ले आये। जब अंजुरी सभी लड़कियों को ले कर स्टाफ रूम में पहुंची तो सिंधु वर्गीस मैडम ने उन्हें एहतियात से सभी कपड़ों की सिलाई खोलने की हिदायत दी। जिन्हे सभी छात्र छात्राएं लेकर आये थे। सभी लड़कियों ने वहीं दरी पर बैठ कार्य करना शुरू कर दिया। लड़कियां प्रायः इस तरह के कार्यों में निष्णात होती हैं अतः लगभग पैंतालीस मिनिट में सारा कार्य निपट गए उनके पैकेट्स बना दिए गए ,उन्ही थैलियों में जिनमे छात्र छात्राओं के नाम लिखे थे। अब चपरासी रामदयाल ने एक एक छात्र से उसके कपडे की पहचान करवा कर पैकेट उसे सौंप दिया। 
इतना सब कुछ होते होते छुट्टी का समय भी हो गया था। तभी क्लास में रामदयाल नोटिस रजिस्टर लिए आ पहुंचा। उस समय प्रोफेसर दिनेश प्रधान क्लास में उपस्थित थे। उन्होंने रजिस्टर लेकर पढ़ना आरंभ किया "26 जनवरी को प्रातः ८ बजे प्राचार्य महोदय के द्वारा झंडा फहराया जायेगा,उस दिन भी माननीय तहसीलदार साहब तथा अन्य गणमान्य नागरिक निमंत्रित हैं। पुरस्कार वितरण समारोह माननीय तहसीलदार साहब के हाथो होगा। जो भी छात्र देश भक्ति सम्बंधि भाषण ,कविता अथवा स्वतंत्रता सेनानियों की कोई कहानी सुनाना चाहे वो अपने अपने नाम  प्रोफेसर  दिनेश प्रधान के पास दर्ज करवा दें। अंजुरी  चेहरा फिर से खिल उठा।  कमलेश्वर ने गौर कर लिया। 
तब तक अंजुरी खड़ी  हो गई ,प्रधान सर ने पेपर पर उसका नाम लिख लिया ,चार और भी छात्र छात्राओं ने नाम लिखवा दिया। दूसरी क्लासेज में भी कुछ और छात्र छात्राओं ने अपने नाम लिखवाये। 
महाविद्यालय की सजावट इत्यादि की हुई थी ,उसमे थोड़े बहुत परिवर्तन करने के बारे में सभी को बताया गया। इतने दिनों की रिहर्सल का कठिन परिश्रम और कल की थकान,सभी लोग अब घर जाना चाह रहे  थे ,और घंटी के स्वर ने सभी को आनंदित कर दिया। ---क्रमशः 

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