मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts

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बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

Rajkumar !!

आज जो सफल दिखाई देते हैं ,वो कई कठिन पड़ावों को पार कर के वहां तक पहुंचे हैं ,यह एक ज्ञातव्य तथ्य है।किसी का संघर्ष दिखाई देता है और किसी का अदृश्य होता है।  बख्तियारपुर निवासी राजकुमार ऐसे ही व्यक्ति रहे,वे अपने बचपन में ही घर छोड़ कर कहीं चले गए थे ,और बीस वर्षों के बाद अचानक ही प्रकट हुए, उनकी यह एंट्री मुझे एकदम फिल्मी लगी थी क्योंकि वे एकदम धनपति बन कर आये थे ,उन्होंने वर्षों पहले अपने बने मकान को चार गुना ज्यादा कीमत देकर खरीद लिया था, उन्होंने अपने छोटे भाई का विवाह बहुत धूम धाम से किया,मुझे यह बात विशेष रूप से याद है कि मुझे पता चला था कि उन्होंने टंकी में शराब भरवा कर नल की टोंटी लगवा दी थी ,जिसे जितनी पीनी थी उसने उतनी पी। उन दिनों गावों में यह भी एक प्रचलन ही था। मेरा ससुराल बख्तियारपुर ही था, मेरे पति एक बस के मालिक थे और दुर्भाग्य वश उसी समय विशेष में वह बस एक खाई में जा गिरी थी, मेरे पति बहुत परेशान थे। चूँकि राजकुमार जी बचपन में मेरे पति के हमजोली रहे,उन्होंने तुरंत उन्हें ऑफर कर दिया कि दिल्ली आ जाओ बस लेकर वहां लायसेंस मिल जायेगा ,बस मेरे पति अपनी बस लेकर आ गए। यह एक लम्बा ब्रेक बन गया था लगभग आठ महीनो का। बस का मॉडल बस थोड़ा सा पहले का निकला,और दिल्ली का RTO उसे लायसेंस नहीं देगा यह मेरे पति को ज्ञात हो गया और अब पीछे कदम हटाना उन्हें ठीक नहीं लगा। अब बस के लिए ग्राहक की तलाश शुरू हुई और आठ महीनो के बाद बस बिक पायी। इस पूरे वक़्त में मेरे पति राजकुमार जी के साथ उनके रेलवे कॉलोनी के वसंत लेन के फ्लैट में रहे। उनका फ्लैट न सिर्फ अपने बचपन के इस हमजोली के लिए अपितु बख्तियारपुर के किसी भी व्यक्ति के लिए सदैव ही एक उपलब्ध आवास रहा ,जिसमे अच्छा भोजन,और धुले इस्त्री किये कपड़ों की सुविधा भी सभी मेहमानो को प्राप्त थी,साथ ही वे रुपयों से भी सबकी मदद इस प्रकार से करते कि किसी का आत्म सम्मान आहत ना हो। राजकुमार जी के यहाँ एक बहुत ही अच्छे नौकर की उपस्थिति हमेशा रही।यहाँ यह भी बता दूँ कि माननीय नीतिश कुमार जी भी अपने संघर्ष के उस दौर में वहां ठहरा करते थे,वे भी बख्तियारपुर निवासी हैं और छोटे से गॉँव में सभी पड़ौसी और सभी परिचित आत्मीय ही होते हैं । आज यह सब लिखने का मुख्य कारण  यह है कि दो सप्ताह पहले राजकुमार जी पर फ़ालिज का अटैक हुआ ,मेरे पति उनसे मिलने एम्स गए। राजकुमार जी का भतीजा रणजीत वहां सेवा में उपस्थित था। ज्ञात हुआ कि सारी व्यवस्था माननीय नीतिश कुमार जी द्वारा ही कराई  गया है। दो दिन बाद ही राजकुमार जी को डिस्चार्ज मिल गया ,उनके बख्तियारपुर जाने की व्यवस्था भी माननीय नितिश कुमार जी द्वारा करवाई गई। अब राजकुमार जी की देखभाल और स्वास्थलाभ बेहतर होगा यह आश्वस्ति है।  हम उनसे बात भी कर पा रहे हैं। ईश्वर उन्हें जल्दी ही पूर्ण स्वस्थ करे। 

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