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शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023

Dharawahik Upanyas Anpekshit! (649)

 प्रातः छः बजे निकलना था,वे लोग जल्दी बिस्तर पर चले गए , सुबह पौने चार का अलार्म लगाया गया था , किंतु नीलांजना मात्र ढाई घंटे ही सो पाई ।सही समय पर टैक्सी आ गई और वे अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े । टैक्सी ड्राइवर से बातचीत के मात्र एक शब्द से नीलांजना पहचान गई कि वह बिहार से बिलोंग करता है , और उसने कन्फ़र्म भी कर लिया वह झारखंड के धनबाग का था और 2005 से दिल्ली में  था और 2010 में उसने यहाँ घर भी बना लिया था । बातचीत में ज्ञात हुआ कि , उसके माता पिता , उसके बड़े भाई और भाभी के साथ वहीं धनबाद में रहते हैं, उसे और उसके भाई को एक एक बेटा है , सम्पत्ति सम्मिलित ही है ।

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