उसने वृत्तांत को आगे बढ़ाते हुए कहा “नंद बाबा की नौ लाख गाएँ थीं , किंतु कृष्ण माखन चुरा कर ही खाते थे , उन्होंने बाल्यकाल में ही पूतना बकासुर, तथा अन्य कई राक्षसों का अंत किया तथा । कालियादाह नामक भयानक कई फ़नों वाले नाग का भी अंत किया । गोकुल मुख्य रूप से बाल लीलाओं का क्षेत्र माना जाता है । उसने कहा “ मनुष्य चौरासी लाख योनियो में जन्म लेता है किंतु मनुष्य जन्म केवल एक बार ही प्राप्त होता है । “ उसने कहा मनुष्य तीन स्थानों पर अटकता है , और ईश्वर को स्मरण करता है , पहला जब माँ के गर्भ में होता है तब संसार में आने के लिए प्रार्थना करता है ,” कि मैं सत्कर्म करूँगा “ किंतु दूसरे स्थान पर अटकता है संसार की मोह माया में और पुण्य सत्कर्म भूल जाता है , तीसरा जब मरण प्राप्त करता है तब भवसागर , पार नही कर पाता और उस समय गौ माता ही काम आती है क्यूँकि उसकी पूँछ पकड़ कर ही भव सागर पार कर सकता है , यदि गौ सेवा यहाँ की है तो वह वहाँ आपको भवसागर पार करा देगी । ( नीलांजना सोच रही थी किस पुराण में ये बातें लिखी होंगी )
मेरे बारे में---Nirupama Sinha { M,A.{Psychology}B.Ed.,Very fond of writing and sharing my thoughts
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